ST Strike
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    • बर्खास्त के साथ कोई भी कर्मचारी लौट सकता है नौकरी पर   

    नागपुर. सरकार ने भले ही नौकरी पर वापस लौटने के लिए सभी हड़ताली एसटी कर्मचारियों को 10 मार्च तक का समय दिया हो लेकिन कुछ कर्मी नेताओं की अफवाहों भ्रमित हो रहे हैं. ऐसे कर्मचारी अपनी शंका के समाधान के लिए प्रतिदिन आला अधिकारियों से भी मिल रहे हैं जहां उनकी काउंसलिंग की जा रही है. इन कर्मचारियों में सबसे ज्यादा संख्या उन कर्मियों की है जिन्हें एसटी महामंडल द्वारा बर्खास्त कर दिया गया है. उनको शक है कि नौकरी पर लौटने के बाद उन पर 5  से 10 लाख का जुर्माना लगाया जा सकता है.

    इस मामले में एसटी महामंडल के अधिकारियों का कहना है कि जो कर्मचारी महामंडल में काम करते हैं. वे सभी नौकरी पर लौट सकते हैं. हड़ताल पर गए 2,500 कर्मचारियों में से बर्खास्त लोगों की संख्या 386 के आसपास है. परिवहन मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि 10 मार्च तक कोई भी कर्मचारी नौकरी पर वापस लौट सकता है. उस पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी लेकिन इसके बाद भी कई कर्मचारी नेताओं पर कर्मचारियों को भ्रमित करने के आरोप लग रहे हैं. इसी कारण कर्मचारी अपने-अपने डिपो में संपर्क कर रहे हैं जिससे सच का पता लगाया जा सके. 

     कमेटी के फैसले का इंतजार 

    एसटी महामंडल प्रबंधन को इस मामले के हल के लिए बनाई गई 3 सदस्यीय कमेटी के फैसले का इंतजार है. सूत्रों की मानें तो सरकार के रुख से स्पष्ट है कि एसटी महामंडल का राज्य  सरकार में विलय नहीं होगा. इस बात के संकेत कई बार मिल चुके हैं. सरकार चाहती है कि महामंडल में 20 प्रतिशत के आसपास निवेश निजी फर्म से आए जिससे महंगी बसें खरीदी जा सकें. बसें ज्यादा चलेंगी तो महामंडल को आय भी होगी. वैसे भी लग्जरी बसें खरीदने के लिए पर्याप्त फंड महामंडल के पास नहीं है. वह अभी भी 50 करोड़ से ज्यादा के घाटे में चल रही है जिसे अधिकारी उबारने में लगे हैं.  

    105 बसों में 17,534 ने किया सफर 

    मंगलवार को एसटी महामंडल द्वारा 105 बसों का संचालन किया गया. इनमें गणेशपेठ से 25,   इमामवाड़ा- 26, घाट रोड -18, उमरेड- 5, सावनेर -11, वर्धमान – 14, रामटेक -1 और काटोल  से 5 बसें चलाई गईं. इन बसों ने 342 फेरियां कीं जिसमें 30,425 किलोमीटर का सफर तय किया. इन बसों में 17,534 लोगों ने यात्रा की. बता दें कि बीते 3 महीनों से ग्रामीण क्षेत्रों में निजी बस वाले लोगों से मनमाना किराया वसूलकर चांदी काट रहे हैं. उन्हें रोज आने- जाने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अगर अगले महीने एसटी बसें शुरू होती हैं तो वे समय के साथ पैसे की बचत भी कर सकेंगे.

    समझा रहे हैं हड़तालियों को

    परिवहन मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी एसटी कर्मचारी चाहे वह बर्खास्त हो या अवकाश पर चल रहा हो, 10 मार्च तक नौकरी ज्वाइन कर सकता है. कुछ लोग कार्रवाई की झूठी अफवाह फैला रहे हैं जिनसे महामंडल सख्ती से निपट रहा है. कुछ लोग हमारे पास अपना डाउट क्लीयर करने के लिए आ रहे हैं, हम उनकी काउंसलिंग कर उनकी शंकाओं का समाधान कर रहे हैं.- नीलेश बेलसरे, विभागीय नियंत्रक, ST नागपुर महामंडल