Tekadi Flyover, nagpur

    Loading

    • 23 दूकानदारों को पहले ही हुआ आवंटन
    • 35 दूकानदारों ने हाई कोर्ट में दायर की थी याचिका

    नागपुर. रेलवे स्टेशन के सामने के फ्लाईओवर को तोड़कर यहां पर 6 लेन बनाने की योजना में फ्लाईओवर के नीचे बनीं दूकानों के लीजधारकों का अड़ंगा था. हालांकि मनपा की सभा में इन दूकानदारों को दूकान के बदले दूकान और उनकी इच्छा के अनुसार मुआवजा देने का निर्णय लिया गया था. फैसले के अनुसार कुछ लोगों को दूकान के बदले निधि लौटाने की प्रक्रिया शुरू की गई. इसी तरह कुछ दूकानदारों को मेट्रो द्वारा बनाए गए अस्थायी दूकानों में शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू की गई. जिसमें ईश्वर चिट्ठी निकालकर दूकानदारों को आवंटन किया जा रहा था.

    एक सप्ताह पूर्व 23 दूकानदारों का आवंटन हुआ था. किंतु 35 दूकानदार इस प्रक्रिया के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचे थे. मामला अदालत पहुंचने के कारण स्टेशन फ्लाईओवर तोड़ने की प्रक्रिया पर पुन: ग्रहण लगा हुआ था. किंतु अब हाई कोर्ट गए इन 35 लोगों में से 29 दूकानदारों के लिए पुन: मनपा में शुक्रवार को ईश्वर चिट्ठी निकालकर आवंटन किया गया. जिससे अब स्टेशन फ्लाईओवर तोड़ने की राह आसान होने की जानकारी सूत्रों ने दी.

    32 दूकानदारों ने लिया था हिस्सा

    उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट में 35 दूकानदारों की ओर से याचिका दायर की गई थी. जिस पर अदालत ने मनपा को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश तो दिए. साथ ही दूकानदारों को ड्रा में हिस्सा लेने की स्वतंत्रता भी प्रदान की थी. बताया जाता है कि हाई कोर्ट के आदेशों के अनुसार दूकानदार ईश्वर चिट्ठी के दौरान मनपा मुख्यालय में पहुंचे थे. किंतु तकनीकी कारणों से दूकानदार हिस्सा नहीं ले पाए थे. अत: इन दूकानदारों के लिए शुक्रवार को पुन: ईश्वर चिट्ठी निकाली गई.

    कार्यवाही के दौरान कुल 32 दूकानदार वहां पर उपस्थित थे. किंतु ईश्वर चिट्ठी में केवल 29 दूकानदारों ने ही हिस्सा लिया. 3 दूकानदारों ने हिस्सा लेने से इनकार कर दिया. बताया जाता है कि 29 दूकानदारों ने अंडर प्रोटेस्ट ईश्वर चिट्ठी में हिस्सा लिया है. उनका मानना था कि समझौते के अनुसार उन्हें स्थायी दूकानों का आवंटन किया जाना चाहिए. 

    HC में रखेंगे पक्ष

    दूकानदारों का मानना है कि जिन दूकानदारों को दूकान के बदले दूकान देने का समझौता हुआ, उन्हें स्थायी दूकान देने की स्वीकृति मनपा की ओर से की गई थी. जबकि वर्तमान में मेट्रो द्वारा निर्मित अस्थायी दूकानों में आवंटन किया जा रहा है. यहीं कारण है कि हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. पहले और अब हुई ईश्वर चिट्ठी का मसला भी हाई कोर्ट के समक्ष रखा जाएगा. यदि मनपा हाई कोर्ट में स्थायी दूकानों का आवंटन करने का आश्वासन दें तो मसला हल हो सकता है. मनपा ने पहले ही स्पष्ट किया है कि दूकानदारों को स्थायी दूकानों का आवंटन किया जाना है. वर्तमान में केवल अस्थायी व्यवस्था हो रही है. जिससे प्रकल्प को गति देकर आगे बढ़ाया जा सकता है. बहरहाल अब जून के पहले सप्ताह में स्टेशन फ्लाईओवर को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू होने की आशा प्रशासन ने जताई है.