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    नागपुर. मेडिकल में रैगिंग प्रकरण के बाद एक बार फिर हॉस्टलों के निरीक्षण को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. प्रशासन द्वारा हॉस्टलों में असिस्टेंट वार्डन नियुक्त किए गए हैं. कुछ वार्डन हॉस्टल में ही रहते हैं. इसके बावजूद इस तरह की घटनाएं प्रशासनिक लापरवाही की ओर से इशारा करती है. देखरेख, छात्रों की समस्या से अवगत होने के लिए मुख्य वार्डन द्वारा नियमित रूप से दौरा किया जाना चाहिए लेकिन महीनों तक दौरा नहीं होने की जानकारी मिली है.

    मेडिकल में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र की रैगिंग का वीडियो कुछ दिनों पुराना है. रैगिंग का वीडियो सीधे नेशनल एंटी रैगिंग कमेटी को भेजा गया. इसके बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए वीडियो में रैगिंग लेते दिखाई दे रहे 6 इंटर्न को सस्पेंड कर दिया. यह घटना हॉस्टल क्रमांक 5 की बताई जाती है. दरअसल रैगिंग लेते हुए किसी अन्य छात्र ने वीडियो बनाया था. प्रशासन ने गाइडलाइन्स के अनुसार ही कार्रवाई की है. बताया जा रहा है कि अब उक्त छात्र रैगिंग होने से मुकर रहा है. हालांकि इस संबंध में उसने समिति को कोई पत्र नहीं दिया है लेकिन गुरुवार को मेडिकल में दिनभर चर्चा थी. 

    छात्रों से सरल संवाद भी नहीं 

    इस घटना के बाद हॉस्टलों की व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं. मेडिकल में कुल 9 हॉस्टल हैं. इनमें 3 ब्वॉयज, 3 गर्ल्स और 3 निवासी डॉक्टरों के हॉस्टल हैं. सभी हॉस्टल्स के लिए असिस्टेंट वार्डन नियुक्त किए जाते हैं. यह वार्डन लेक्चरर या फिर सीनियर रेसिडेंट डॉक्टर होते हैं. यह अतिरिक्त जिम्मेदारी होती है. उनके रहने की हॉस्टल में ही सुविधा होती है. इन सभी पर एक मुख्य वार्डन होता है. नियमानुसार मुख्य वार्डन द्वारा समय-समय पर हॉस्टलों का निरीक्षण और देखरेख आवश्यक है लेकिन छात्रों का कहना है कि महीनों तक देखने के लिए कोई अधिकारी नहीं आता. इस वजह से इस तरह की घटनाएं होती हैं. मुख्य वार्डन और छात्रों के बीच सरल संवाद नहीं होने की वजह से वे शिकायत करने से हिचकिचाते हैं. इस ओर भी मेडिकल प्रशासन द्वारा गंभीरता से ध्यान दिये जाने की जरूरत है.

    रैगिंग के संबंध में नियमानुसार एक्शन लिया गया है. वीडियो में भी स्पष्ट हो जाता है कि छात्र की रैगिंग ली जा रही है. पीड़ित छात्र ने अब तक समिति के पास शिकायत वापस लेने संबंधी कोई पत्र नहीं दिया है. यदि वह वीडियो देखकर स्पष्ट करें तो आगे की कार्रवाई की जाएगी. 

    – डॉ. राज गजभिये, अधिष्ठाता मेडिकल