Sontu Jain
ठग क्रिकेट बुकी अनंत उर्फ सोंटू जैन

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नागपुर. डायमंड एक्सचेंज नामक गेमिंग एप्लीकेशन के जरिए व्यापारी को 58 करोड़ रुपये का चूना लगाने वाला ठग अनंत उर्फ सोंटू नवरतन जैन आखिर सलाखों के पीछे पहूंच ही गया. हाई कोर्ट द्वारा जमानत अर्जी ठुकराए जाने के बाद सोंटू फरार हो गया था. वह सुप्रीम कोर्ट की शरण में भी गया लेकिन वहां से भी झटका मिला. सुको ने उसे 16 अक्टूबर तक सरेंडर करने के आदेश दिए थे. सोमवार की सुबह सोंटू ने प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी एस.एच. उके की अदालत में सरेंडर कर दिया. इसकी जानकारी मिलते ही क्राइम ब्रांच की टीम कोर्ट पहुंची. लंबी चली बहस के बाद न्यायालय ने उसे 5 दिन की पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिए.

ज्ञात हो कि 20 जुलाई को पुलिस ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी सहित विविध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. गोंदिया स्थित उसके निवास स्थान पर छापेमारी करने से पहले ही सोंटू दुबई भाग गया था. घर और बैंक लॉकरों की जांच में पुलिस को 32 करोड़ रुपये का माल बरामद हुआ. देश-विदेश में उसकी करोड़ों की संपत्ति होने की जानकारी सामने आई. सत्र न्यायालय ने उसे अंतरिम जमानत मिली थी. इसके खिलाफ पुलिस हाई कोर्ट गई थी.

हाई कोर्ट ने विगत 26 सितंबर को उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी और सोंटू फरार हो गया. 9 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने भी उसकी अर्जी ठुकरा दी थी और 7 दिन में आत्मसमर्पण करने के आदेश दिए. सोमवार को अपने वकील के जरिए सोंटू ने न्यायालय में सरेंडर किया. पुलिस ने 14 दिनों की पुलिस हिरासत मांगी. न्यायालय ने 5 दिन की कस्टडी मंजूर की.

गीता-रामायण और दवाई की मांग

न्यायालय में 900 चूहे खाकर हज पर जाने की कहावत का चरितार्थ होती दिखाई दी. ठगी करके भी अकड़ दिखाने वाले सोंटू जैन ने पुलिस कस्टडी मंजूर किए जाने के बाद अपने वकील के माध्यम से न्यायालय से गीता और रामायण उपलब्ध करवाने की मांग की. उसने अपनी तबीयत का हवाला देते हुए कुछ दवाओं की मांग भी की. अदालत ने पुलिस को उसे दवाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए है. इंडिया एक्सचेंज नाम से बनाई खुदकी गेमिंग एप कुछ वर्ष पहले तक जलेबी की दूकान चलाने वाले सोंटू ने ऑनलाइन गेमिंग के जरिए ठगी शुरू की.

डायमंड एक्सचेंज एप्लीकेशन के जरिए लोगों को ठगना शुरू किया. डायमंड एक्सचेंज राकेश राजदेव (आरआर) द्वारा संचालित किया जाता था. इसमें सोंटू 40 प्रश का भागीदार था. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरआर के अलावा सोंटू ने खुदकी 2 गेमिंग एप्लीकेशन तैयार की थी जिसमें से एक का नाम इंडिया एक्सचेंज डॉट कॉम था. इंडिया एक्सचेंज के जरिए भी कई लोगों के साथ ठगी की गई. अमित नामक पीड़ित ने पुलिस से संपर्क किया है. 8 से 10 लोगों की सूची भी पुलिस के हाथ लगी है. सोंटू ने अमित को भी अपने ठगी के धंधे में शामिल कर लिया था. 

मदद करने वाले नपेंगे 

26 सितंबर को हाई कोर्ट से अर्जी खारिज होने के बाद सोंटू शहर से फरार हो गया. नागपुर से भागने में गोंदिया के बंटी शर्मा और सनी अरोरा ने उसकी मदद की. दोनों उसे पहले रामटेक ले गए. वहां से बालाघाट और दतिया गए. वहां से सोंटू अकेला ही जयपुर चला गया. फरारी में उसकी मदद करने वाले करीब 1 दर्जन लोग हैं. इन सभी से पूछताछ की जा रही है. बंटी के खिलाफ पहले भी 2 मामले दर्ज होने की जानकारी सामने आई है. पुलिस फिलहाल सोंटू पर ध्यान केंद्रित कर रही है.

फॉरेंसिक ऑडिट में करोड़ों रुपये का लेन-देन सामने आया है. हवाला के जरिए रकम लेने का काम सोंटू का भाई धीरज करता था. इसीलिए पुलिस ने उसे भी आरोपी बनाया है. फरियादी विक्रांत अग्रवाल के घर पर जाकर सोंटू की बहन आस्था जैन, उसकी सहेली रूबी जैन और देवर विनय जैन के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया था. उन्हें फिलहाल न्यायालय से राहत मिली हुई है. सोंटू से पूछताछ के बाद अन्य लोगों पर भी गाज गिरने वाली है.