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प्रतीकात्मक तस्वीर

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    नागपुर. नागपुर ग्रामीण पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने लोन दिलाने के नाम पर किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वाले मुख्य आरोपी की 119 एकड़ कृषि भूमि सहित 105 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है. आरोपियों ने दस्तावेज जमा कर किसानों के नाम पर कर्ज लिया था और पैसे को गबन कर लिया था. इस मामले में 7 आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है और सभी जेल की हवा खा रहे हैं.

    धोखाधड़ी तब सामने आई जब किसानों के एक समूह ने 2018 में जलालखेड़ा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें सार्वजनिक क्षेत्र से 40 से 50 लाख रुपये का लोन चुकाने का नोटिस मिला है. जबकि किसानों ने कोई कर्ज लिया ही नहीं था. मामले की जांच में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अधिकारियों और नेशनल कमोडिटीज मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड (एनसीएमएल) की मिलीभगत से आरोपियों ने धोखाधड़ी की थी.

    इस गिरोह का मुखिया वेलकम सोसाइटी, बोखारा निवासी राकेश उपेंद्र सिंह (44) और उसकी पत्नी नूतन राकेश सिंह (42), सिंजरगांव, नरखेड़ निवासी नीलेश शेषराव धोपरे (38), यूनियन बैंक के अधिकारी मुरमुड़ी भंडारा निवासी संदीप रेवनाथ जगनाले (34), चुरू, राजस्थान निवासी एनसीएमएल पदाधिकारी पवनकुमार धन्नाराम स्वामी (38) और प्रवीण नारायण मोंधे (47) हैं.

    आरोपियों ने घोटाले के माध्यम से बड़ी संपत्ति अर्जित की थी. उन्होंने 119 एकड़ कृषि भूमि खरीदी थी और एक कॉलेज भी बनवाया था. सभी संपत्ति पुलिस ने कुर्क कर ली है. एसपी विजय मगर के मार्गदर्शन में कार्रवाई ईओडब्ल्यू के उपाधीक्षक राजेंद्र निकम ने की.