Nagpur High Court
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    नागपुर. इमारतों का कुछ हिस्सा तोड़ने की शर्त पर जिलाधिकारी, एनआईटी और मनपा द्वारा अवैध निर्माण का नियमितीकरण कराए जाने के खिलाफ अजय तिवारी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की. अब इस याचिका को हाई कोर्ट की ओर से स्वयं संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में स्वीकृत कर मूल याचिकाकर्ता को अलग कर दिया गया.

    जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश सुनील शुक्रे और न्यायाधीश जीए सानप ने अनधिकृत निर्माण कार्यों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस से कब-कब बंदोबस्त मांगा गया. इन आवेदन की कापियां प्रस्तुत करने के आदेश ज्वाइंट सुपरवाइजरी कमेटी (जेएससी) को दिए. साथ ही अदालत ने अनधिकृत निर्माण के खिलाफ अब तक हुई कार्रवाई की रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने के आदेश दिए. अदालत मित्र के रूप में अधि. अपूर्व डे और मनपा की ओर से अधि. जैमिनी कासट ने पैरवी की. 

    पुलिस की कार्यप्रणाली पर नाराजगी

    सुनवाई के दौरान ज्वाइंट सुपरवाइजरी कमेटी की ओर से पैरवी कर रहे अधि. सुधीर पुराणिक ने अनधिकृत निर्माण के खिलाफ चल रही कार्रवाई का ब्योरा अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया. यहां तक कि 3 जून 2022 को हुई जेएससी की बैठक का भी ब्योरा प्रस्तुत किया गया जिसके बाद अदालत ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए कहा कि कमेटी ने पुलिस बंदोबस्त के लिए कई बार अनुरोध किया लेकिन पुलिस आयुक्त कार्यालय ने इसे प्रतिसाद नहीं दिया, जबकि अनधिकृत निर्माण कार्यों का मसला काफी गंभीर है. इसकी वजह से मूलभूत सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं. आलम यह है कि नियम-कानून से चलने वाले लोगों की सुरक्षा और उनकी सम्पत्तियों के लिए इस तरह के अनधिकृत निर्माण खतरे से कम नहीं हैं. 

    बिजली-जलापूर्ति पर प्रेशर

    अदालत ने आदेश में कहा कि अनधिकृत निर्माणकर्ता शहर को संकुचित करने तथा सिटी में भीड़ बढ़ाने के लिए जवाबदेह हैं. इसकी वजह से बिजली और जलापूर्ति पर प्रेशर होता है. अत: यह जरूरी है कि नियमों के अनुसार अनधिकृत निर्माण कार्यों को हटाने के लिए सभी विभाग जिम्मेदारीपूर्वक कार्य करें. लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पर्याप्त पुलिस बंदोबस्त उपलब्ध कराने के संदर्भ में हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त ज्वाइंट सुपरवाइजरी कमेटी की ओर से किए जा रहे अनुरोध को नजरअंदाज किया जा रहा है.

    सुनवाई के दौरान पुलिस की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने मसले का हल निकालने के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति करने का सुझाव दिया गया. स्पेशल ब्रांच के उपायुक्त को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया. अदालत ने मनपा और ज्वाइंट सुपरवाइजरी कमेटी को अनधिकृत निर्माण कार्य हटाने के लिए हरसंभव पर्याप्त पुलिस बंदोबस्त उपलब्ध करने के आदेश पुलिस विभाग को दिए.