Modi government aims to reduce road accidents by 50 percent by 2024
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    नागपुर. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि विदर्भ में राज्य की 78 प्रतिशत खनिज और 80 प्रतिशत वन संपदा है. विदर्भ से लगा छत्तीसगढ़ भी खनिज संपदा से भरपूर है. इन दोनों ही राज्यों में भरपूर खनिज सम्पत्ति होते हुए भी हमें वह आयात करना पड़ता है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि खनिज के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाना होगा. वे राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय द्वारा खनिज संपदा पर आयोजित चर्चासत्र में बोल रहे थे. उस दौरान उपकुलपित डॉ. सुभाष चौधरी, डॉ. दीपककुमार सिन्हा, डॉ. राजेश्वर आदि उपस्थित थे.

    गडकरी ने कहा कि खनिज उत्पादन बढ़ाना चाहिए. पानी, बिजली, सड़क, संवाद साधन नहीं होंगे तो उस भाग में उद्योग नहीं आते जिससे रोजगार निर्माण नहीं होता और गरीबी दूर नहीं होगी. जहां जंगल हैं, वहां खनिज है और खनिज है तो वहां आदिवासी समाज है. लेकिन आदिवासियों के जीवन में जो सामाजिक व आर्थिक परिवर्तन होना था, वह नहीं हुआ क्योंकि पर्यावरण रक्षा नीति बनाते समय आदिवासियों का जीवन बदल सके, इस पर ध्यान नहीं दिया.

    विभागों में समन्वय नहीं

    गडकरी ने कहा कि खनिज सम्पदा का मूल्यवर्धन होना चाहिए. इसके लिए यूनिवर्सिटी का योगदान महत्वपूर्ण है. सरकार में विविध विभाग हैं लेकिन एक क्या करता है दूसरे को जानकारी नहीं होती. वेकोलि क्या करती है मॉयल को नहीं मालूम होता. ऐसे में विकास नहीं होता. सभी  विभागों में समन्वय होना चाहिए. तभी उत्पादन बढ़ेगा और खनिज की जरूरत पूरी होगी. विकास के लिए सकारात्मकता की जरूरत है. उन्होंने कहा कि व्यावसायिक दृष्टिकोण रखते हुए इस क्षेत्र में आपसी समन्वय के साथ काम करेंगे को खनिज में भी देश आत्मनिर्भर बन सकेगा.