विदर्भ का बैकलाग 75 हजार करोड़, चटप ने कहा, अलग राज्य के सिवाय चारा नहीं

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    नागपुर. विदर्भ राज्य आंदोलन के नेता वामनराव चटप ने बताया कि जब से विदर्भ को संयुक्त महाराष्ट्र में नागपुर करार के तहत शामिल किया गया है तभी से करार का उल्लंघन होता आ रहा है. चाहे सरकार कांग्रेस की रही हो या फिर भाजपा की दोनों ने विदर्भ की जनता के भरोसे सरकार बनाई और उसे ही धोखा दिया. विदर्भ राज्य की मांग तो 1905 यानी 117 वर्ष से शुरू है.

    जब से महाराष्ट्र में इसे शामिल किया गया तभी से यहां के संसाधनों का उपयोग कर पश्चिम महाराष्ट्र संपन्न होता गया और विदर्भ को पिछड़ा बनाने का काम किया गया. आज भी नागपुर करार के अनुसार विदर्भ का 75,000 करोड़ रुपयों से अधिक का बैकलाग शेष है लेकिन जो भी सत्ता में बैठता है वह इससे इनकार करता है. पूर्ववर्ती सरकारों ने तो विदर्भ का बैकलाग पूरा होने का दावा तक किया था.

    चटप ने बताया कि 7 वर्ष पहले विदर्भ वैधानिक विकास मंडल के विशेषज्ञ मधुकर किंमतकर ने एक पुस्तिका निकालकर यह सच विदर्भ की जनता के सामने लाया था कि सिंचाई अनुशेष ही 60 हजार करोड़ का शेष है. इसके अलावा स्वास्थ्य, सड़क, पीने के पानी, बिजली, उद्योग, शिक्षा, ग्राम विकास, आदिवासी विकास, ऊर्जा विभाग का 15,000 करोड़ रुपयों का अनुशेष था. चटप ने दावा किया कि इस अनुशेष में अभी भी अधिक अंतर नहीं आया है. 

    14 लाख युवा हैं बेरोजगार

    विदर्भ में बेरोजगारों की संख्या 14 लाख तक पहुंच गई है. यह आंकड़ा 31 मार्च 2021 का है. चटप ने बताया कि बीते 9 वर्ष से राज्य में अनुकंपा नियुक्तियां, 8 वर्ष से तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की पदभर्ती बंद है. वेतन देने के लिए पैसा नहीं होने के कारण विविध विभागों में 2.57 लाख पद रिक्त हैं. पूरे राज्य में मार्च 2021 तक बेरोजगारों की संख्या 45 लाख से ऊपर थी. कोरोना के कारण बीते 2 वर्ष में 21 लाख युवा बेरोजगार हुए हैं.

    राज्यभर में बेरोजगारों की संख्या 66 लाख तक पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 का राज्य का बजट 24,353 करोड़ रुपये घाटे का बजट है. ऐसे में महाराष्ट्र सरकार की विदर्भ का अनुशेष भरने की क्षमता खत्म हो गई है. इसलिए स्वतंत्र राज्य निर्माण से ही विदर्भ का विकास संभव है. 

    1 मई होगा काला दिन

    चटप ने बताया कि 1 मई को हर वर्ष की तरह पूरे विदर्भ में विदर्भवादी काला दिन के रूप में मनाएंगे. इस दिन विश्वासघात दिवस भी मनाया जाएगा और जहां-जहां महाराष्ट्र सरकार के बोर्ड लगे हैं उसमें से महाराष्ट्र मिटाकर विदर्भ राज्य का स्टीकर लगाया जाएगा.