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    नागपुर. मनपा में होने वाले आम चुनावों को भले ही 5 माह का समय अभी भी बचा हो लेकिन अभी से राजनीतिक दल चुनावी मोड पर आ गए हैं. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मनपा के माध्यम से होने वाले कार्यक्रम सत्तापक्ष ने पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले लिया है. यहां तक कि मनपा प्रशासन भी प्रोटोकॉल का पालन करने से चूक गई. गुरुवार को इसका जीता जागता उदाहरण देखा गया. उल्लेखनीय है कि 1 अक्टूबर को मनपा की ओर से ज्येष्ठ नागरिक दिवस का आयोजन किया जा रहा है जिसमें ज्येष्ठ नागरिकों का सत्कार किया जाना है. मनपा द्वारा कार्यक्रम के आयोजन को लेकर पत्रिका छापी गई जिसमें विधानसभा में विपक्ष को नेता देवेंद्र फडणवीस के हाथों सत्कार होने का उल्लेख किया गया. किंतु जिला पालक मंत्री नितिन राऊत का कहीं भी उल्लेख नहीं है. 

    मनपा अधिकारी हैं विनीत

    जानकारों के अनुसार यदि भाजपा द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया जाता तो निमंत्रण पत्रिका में नागपुर महानगरपालिका द्वारा आयोजन दिखाया जाना नियमों का उल्लंघन होता, किंतु महानगरपालिका की ओर से इसका आयोजन किया जा रहा है. यहां तक कि विनीत के रूप में उपायुक्त राजेश भगत और विजय देशमुख के नामों का उल्लेख किया गया है. मनपा की ओर से आयोजन होने से सर्वप्रथम प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है. पत्रिका में शहर के तमाम विधायकों के नाम शामिल हैं जिनमें कांग्रेस के विकास ठाकरे और अभिजीत वंजारी का नाम भी लिखा हुआ है किंतु पालक मंत्री नितिन राऊत का नाम नहीं होने से पत्रिका सार्वजनिक होते ही चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया. 

    अधिकारियों पर हो कार्रवाई

    मनपा में कांग्रेस पार्षदों की ओर से इसके लिए अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर कड़ी आपत्ति जताई गई. पार्षदों का मानना था कि सत्तापक्ष हमेशा ही अधिकारी राज्य सरकार की ओर से भेजे जाने का हवाला देकर राज्य की महाविकास आघाड़ी को निशाना बनाता है. परंपरा के अनुसार कार्यक्रम की पत्रिका का प्रारूप छपकर आने के बाद सत्तापक्ष के तमाम पदाधिकारियों को दिखाया जाता है. हरी झंडी मिलने के बाद ही पत्रिकाएं छापी जाती हैं. अत: इस समय भी इसका पालन किया गया होगा. संभवत: गलती पकड़ी जाने के बावजूद कार्यक्रम का पूरा श्रेय लेने के लिए ही जानबूझकर इसे प्रशासन के पास उजागर नहीं किया गया.