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  • 1186 उम्मीदवार सरपंच पद के लिए
  • 6882 उम्मीदवार सदस्य के लिए

नागपुर. जिले में 361 ग्राम पंचायतों में 5 नवंबर को सरपंच व ग्रापं सदस्यों के लिए मतदान होने वाले हैं. प्रशासन तो मतदान कराने की तैयारी पूरी कर चुका है लेकिन उम्मीदवार और उनके नेता चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. 3 नवंबर की शाम 5 बजे तक ही उम्मीदवार चुनाव प्रचार कर पाएंगे. उसके बाद प्रचार तोपें शांत हो जाएंगी. अंतिम कुछ घंटे शेष रहने के चलते जिले की संबंधित ग्राम पंचायतों में प्रचार जोर-शोर से शुरू है. सभी पार्टियों के नेता अपने-अपने गुट का प्रचार में जुटे हुए हैं. सुबह से देर रात तक मतदाताओं से व्यक्तिगत रूप से भेंट के साथ ही गली-गली छोटी बैठकें भी हो रही हैं. हालांकि यह चुनाव किसी पार्टी के चुनाव चिह्न पर नहीं लड़ा जाता लेकिन सभी राजनीतिक पार्टियां अपने गुट को चुनाव में उतारती हैं. भाजपा, कांग्रेस, राकां के दोनों गुट, शिवसेना के दोनों गुट के ग्रामीण राजनीति में पकड़ रखने वाले नेता अपने गुट के पक्ष में प्रचार में जुटे हैं. जिला परिषद के सारे पदाधिकारी, विपक्षी नेता, सदस्य, नगर परिषद व नगर पंचायत के पदाधिकारी व सदस्य सभी चुनाव में जुटे हैं.  

जिप सदस्यों के पति-पत्नी भी मैदान में 

361 सरपंच पदों की दौड़ में कुल 1186 उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें अनेक निर्दलीय हैं यानी किसी पार्टी के नहीं हैं. सरपंच बनने के लिए कड़ा मुकाबला है. कुछ जिला परिषद के सदस्यों के पति या पत्नी भी सरपंच पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. इसमें पाचगांव की जिप सदस्य सुनीता ठाकरे और वेलतूर की कविता साखरकड़े के पति मैदान में हैं. वहीं जिप में विपक्षी नेता आतिश उमरे की पत्नी भी किरिमिटी भारकस ग्रापं से चुनाव लड़ रही हैं. हालांकि पहले भी जिप पदाधिकारियों की पत्नियों के पति ग्राम पंचायत, नगर परिषद या नगर पंचायत में सभापति या सरपंच रह चुके हैं जिनमें चंद्रशेखर चिखले, शरद डोणेकर सहित अनेक नाम शामिल हैं. पूर्व जिप अध्यक्ष रश्मि बर्वे के पति उपसरपंच थे. वर्तमान जिप अध्यक्ष के पति भी पिपला से सरपंच हैं. वेला से जिप सदस्य अरुणा बालपांडे के पति भी सरपंच हैं. 

सदस्यों के सामने भी चुनौती

ग्राम पंचायत सदस्यों के लिए तो 6882 उम्मीदवार मैदान में हैं. टक्कर कड़ी है और सभी के सामने जीतने की चुनौती है. 5 नवंबर की सुबह 7.30 से शाम 5.30 बजे तक वोटिंग होगी और 6 नवंबर को मतगणना व परिणाम घोषित किये जाएंगे. भाजपा, कांग्रेस व राकां, शिवसेना सभी अपने गढ़ को बरकरार रखने के लिए जुटे हुए हैं. कुछ ग्राम पंचायतों में तो जिले के बड़े नेताओं ने भी प्रचार किया है. 3 नवंबर की शाम को प्रचार बंद करना पड़ेगा. कहा जा रहा है कि 4 की रात कत्ल की रात होगी और इसी रात सभी उम्मीदवार मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की आखिरी चाल चलते हैं. पैसा व शराब वितरण या अन्य तरह के प्रलोभन देने का प्रयास होता है. हालांकि प्रशासन ऐसे किसी भी तरह के प्रयासों पर नकेल कसने के लिए भी तैयार है. 

मतदान के लिए छुट्टी

जिलाधिकारी व चुनाव अधिकारी इटनकर ने जिले के काटोल, नरखेड़, सावनेर, कलमेश्वर, रामटेक, पारशिवनी, मौदा, कामठी, उमरेड, भिवापुर, कुही, नागपुर (ग्रामीण) व हिंगना तहसील के ग्राम पंचायतों में मतदान के दिन संबंधित ग्राम पंचायत क्षेत्रों में छुट्टी घोषित की ताकि मतदाता मतदान कर सकें.