Wasankar Scam

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    नागपुर. वासनकर वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी में निवेश करने के बाद भुगतान नहीं किया गया, जबकि वापस भुगतान के लिए ब्याज सहित धनराशि को लेकर खरीदी-बिक्री का व्यवहार किया गया. इस संदर्भ में मामला दर्ज करने के बाद विशेष अदालत के समक्ष सुनवाई जारी है. हालांकि कुछ मामलों में कंपनी के अन्य निदेशकों की तरह प्रशांत वासनकर को भी राहत प्रदान की गई है किंतु मामले का निपटारा जल्द करने के लिए फौजदारी अर्जी दायर की गई. इस पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश जीए सानप ने मामले की सुनवाई किस स्तर पर है, इसका आकलन करने के लिए निचली अदालत से रिपोर्ट प्राप्त करने के आदेश हाई कोर्ट रजिस्ट्री को दिए. याचिकाकर्ता की अधि. जीएस गौर और सरकार की  सहायक सरकारी वकील एचडी दुबे ने पैरवी की.

    केवल जांच अधिकारी का बयान दर्ज करना है 

    सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि इस मामले में अब केवल जांच अधिकारी का बयान दर्ज करना बाकी है. विशेष अदालत में जांच अधिकारी के बयान और सबूतों को रिकॉर्ड करने के बाद आगे की कार्यवाही के लिए इसे रखा जाएगा. सरकारी पक्ष की दलीलों का विरोध करते हुए याचिकाकर्ता की पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि इस मामले में 40 गवाहों के बयान दर्ज करना बाकी है. दोनों पक्षों की विरोधाभासी दलीलों को देखते हुए अदालत ने कहा कि विशेष अदालत में मामले की सुनवाई किस स्तर पर है, यह देखना होगा. अभियोजन पक्ष की ओर से कितने गवाहों के बयान दर्ज करने बाकी हैं, यह सुनिश्चित करना होगा. 

    2 सप्ताह में दें रिपोर्ट

    अदालत ने आदेश में निचली अदालत में जो वकील पैरवी कर रहे हैं, उनसे भी इसकी जानकारी प्राप्त करने के आदेश सरकारी वकील को दिए. साथ ही  विशेष अदालत को 2 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी आदेश दिए. रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद इस याचिका को सुनवाई के लिए रखा जाएगा. उल्लेखनीय है कि चार्जशीट दायर किए जाने के बाद वित्तीय संस्थान के खिलाफ महाराष्ट्र प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट ऑफ डिपॉजिटर्स एक्ट (एमपीआईडी)-1999 के तहत आपराधिक सुनवाई शुरू की जा चुकी है. वर्षों से मामले की सुनवाई जारी रहने के कारण कंपनी के निदेशकों को बेवजह जेल में रहना पड़ रहा है. अत: मामले की जल्द सुनवाई करने के आदेश देने का अनुरोध अदालत से किया गया.