Mumbai Murder
प्रतीकात्मक तस्वीर

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    नागपुर. मानसिक संतुलन बिगड़ने के कारण एक व्यक्ति ने बीती रात अपनी पत्नी और बेटी को मौत के घाट उतार दिया. आधी रात को उसके सिर पर ऐसी हैवानियत सवार हुई कि सत्तूर से दोनों की गर्दन काट दी. इसके बाद खुद भी फांसी लगाकर जान दे दी. रोंगटे खड़े कर देने वाली यह वारदात एमआईडीसी थानांतर्गत वानाडोंगरी के राजीवनगर इलाके में हुई. पूरे इलाके में इस घटना से हड़कंप मचा हुआ है.

    मृतकों में विलास संपत गवते (40), रंजना विलास गवते (38) और अमृता विलास गवते (11) का समावेश हैं. विलास ने घर में 10 गाय और भैंस पाल रखी थी. दूध बेचकर अपना परिवार चलाता था. बिल्कुल बगल में छोटा भाई गणपत भी अपने परिवार के साथ रहता है. परिसर में बड़ी संख्या में गवली समाज के लोग ही रहते हैं और सभी आपस में रिश्तेदार है. 

    बेटे ने खून से लथ-पथ देखी लाश

    शुक्रवार की रात रंजना ने बच्चों के साथ भोजन किया और सभी एक कमरे में सोने चले गए. बताया जाता है कि विलास शराब पीकर घर आया था. वह भोजन किए बगैर ही सो गया. देर रात वह नींद से जागा. अचानक उसके सिर पर हैवानियत सवार हो गई. रसोई में रखा सत्तूर लेकर विलास ने रंजना और अमृता की हत्या कर दी. सोते समय ही दोनों की गर्दन काट दी. रात 2 बजे के दौरान 12 वर्षीय बेटा ताजेश लघुशंका के लिए उठा. बगल में मां और बहन की खून से लथपथ लाश देखकर ताजेश घबरा गया. तुरंत भागकर बगल में रहने वाले चाचा गणपत के घर का दरवाजा खटखटाया. गणपत को ताजेश की रोने की आवाज सुनाई दी. पूछताछ करने पर वह हाथ पकड़कर घर के भीतर ले गया. 

    पेड़ से लगाई फांसी 

    रंजना और अमृता की लाश देख पूरा परिवार सकते में आ गया लेकिन विलास घर से गायब था. तुरंत घटना की जानकारी कंट्रोल रूम को दी गई. अंधेरा होने के कारण पहले तो कुछ दिखाई नहीं दिया लेकिन जब परिजन विलास की तलाश करने लगे तो वह करौंदा के पेड़ से बंधी रस्सी के फंदे पर लटका दिखाई दिया. एमआईडीसी के थानेदार उमेश बेसरकर मौके पर पहुंचे. डीसीपी लोहित मतानी ने भी घटना का जायजा लिया. पुलिस ने पंचनामा कर तीनों लाशों को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल अस्पताल भेज दिया. विलास के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया. 

    लंबे समय से चल रही थी परेशानी

    विलास के रिश्तेदारों ने बताया कि उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी. पहले वह बिल्कुल ठीक था लेकिन पिछले 4-5 वर्षों से अजीबोगरीब तरीके का बर्ताव करता था. उसके दिमाग में बस यही बात चलती रहती थी कोई उसकी हत्या कर देगा. कुछ सेकंड के लिए कोई उसकी तरफ देख ले तो उसे अपना दुशमन मान कर मारपीट शुरू कर देता था. पहले परिजनों को लगा कि वह जादूटोने का शिकार हुआ. उसे ठीक करने के लिए कुछ धार्मिक स्थानों पर भी ले जाया गया. अचानक ही वह अपनी पत्नी और बेटियों से चिढ़ने लगा था. 3 महीने पहले ही परिवार ने बड़ी बेटी काजल का परिसर में रहने वाले युवक से विवाह किया लेकिन बेटे ताजेश से बहुत प्यार करता था. इसीलिए उसने ताजेश को जिंदा छोड़ दिया. भाई मधुकर ने कहा कि हमने इलाज में थोड़ी देर कर दी. यदि विलास को मेंटल अस्पताल में ले जाते तो बेहतर होता.