Sudhir Mungantiwar
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    • 25 हजार रु. प्रति हेक्येटर था मुआवजा
    • 50 हजार रु. करने का प्रस्ताव

    नागपुर. राज्य में जंगली जानवरों के हमले के कारण खेती के हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए दोगुना मुआवजा देने की घोषणा वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने विधानसभा में दी. गुरुवार को इस मुद्दे को लेकर विधायक विनोद अग्रवाल ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से सरकार से जवाब मांगा. मुनगंटीवार ने कहा कि वन क्षेत्र में आने वाले गांवों को मदद करने के लिए वनग्राम निधि का प्रावधान करने का अनुरोध मुख्यमंत्री से किया जाएगा.

    जंगली सुअर, हिरन, बंदरों आदि के कारण खेती का भारी मात्रा में नुकसान हो रहा है. जिससे सूखी, बंजर जमीन के लिए प्रति हेक्टेयर 25 हजार रु. की नुकसान भरपाई मिलती थी. अब 50 हजार रु. प्रस्तावित किया गया है. इसके अलावा धान की खेती का नुकसान होने पर प्रति हेक्टेयर 40 हजा रु. दिया जाता था जबकि अब इसे 80 हजार रु. किया गया है. एक किसान को 2 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए यह मदद मिल सकेगी.

    …तो अधिकारी पर होगी कार्रवाई

    नुकसानग्रस्त किसानों को 30 दिनों के भीतर नुकसान भरपाई नहीं मिलने पर उस पर ब्याज देना होगा और समय पर मुआवजा नहीं देने के लिए जिस अधिकारी की गलती होगी, उसके वेतन से यह वसूला जाएगा. इस तरह का प्रस्ताव विचाराधीन होने की जानकारी मुनगंटीवार ने दी. हाथियों के कारण हो रहे नुकसान पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मानव और जंगली जानवरों के संघर्ष के कई आयाम है. जिसमें पड़ोसी राज्य से आ रहे हाथियों से हो रहे नुकसान भी चिंता का विषय है. हाथियों के हमले में खेती के साथ ही घरों और वाहनों का भी नुकसान होता है. कोल्हापुर, सिंधुदुर्ग, गड़चिरोली, गोंदिया जैसे जिलों में हाथियों के अतिक्रमणों के कारण होनेवाले नुकसान के लिए विशेष आदेश जारी किए गए हैं. 

    बाघ के लगातार बढ़ रहे हमले

    चर्चा के दौरान विधायकों ने कहा कि चंद्रपुर, गढ़चिरोली और ब्रम्हपुरी जैसे स्थानों पर बाघ के हमले बढ़ गए हैं. जिससे लोगों को जान गंवानी पड़ रही हैं. इसके जवाब में मुनगंटीवार ने कहा कि निश्चित ही बाघ के हमले बढ़ गए हैं. 

    गत वर्ष जहां 15 हमले हुए थे, वहीं इस वर्ष 25 हमले हो चुके हैं. ब्रम्हपुरी से बाघों को दूसरी जगहों पर भेजा जा रहा है. बाघों के हमले के लिए पहले 20 लाख रु. का मुआवजा दिया जाता था. अब इसमें 10 लाख रु. का इजाफा किया गया है.

    उन्होंने कहा कि 193 देशों में से 65 प्रतिशत बाघ हमारे देश में है. इसमें भी सर्वाधिक चंद्रपुर जिले में हैं. इन बाघों का गति से स्थानांतरण जरूरी है. इसके लिए केंद्र से अनुमति मांगी जा रही है. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात से बाघों की मांग है. गोरेवाड़ा जू को भी बाघ दिए जाएंगे.