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    नाशिक. अस्पतालों (Hospitals) ने कोरोना मरीजों (Corona Patients)के इलाज के दौरान लिए गए अतिरिक्त बिलों को लौटाने का कार्य शुरू कर दिया है। पांच निजी अस्पतालों ने मरीजों के परिजनों को चार लाख रुपये लौटा दिए है। जांच में यह पाया गया था कि शहर के 55 अस्पतालों ने मरीजों के इलाज के लिए कुल बिल में से 5 करोड़ 91 लाख रुपये अतिरिक्त लिए हैं।

    शासन के नियमानुसार राज्य सरकार ने कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए 80 फीसदी बेड कोरोना के इलाज के लिए और 20 फीसदी बेड अन्य बीमारियों यानी अस्पताल प्रबंधन के लिए आरक्षित करने के निर्देश दिए हैं। लेकिन निजी अस्पतालों ने इन नियमों का उल्लंघन किया जिस समय कोरोना उच्चतम स्तर पर था। कई अस्पतालों में बेड की कुल संख्या से कम मरीजों को दिखाते हुए नगरपालिका के पोर्टल पर गलत जानकारी अपलोड करने की शिकायतें भी मिलीं। इसके अनुसार महानगरपालिका के लेखापरीक्षा विभाग ने 55 अस्पतालों के बिलों की जांच की। इसमें कुल 5 करोड़ 91 लाख रुपये का अंतर पाया गया।

    चार लाख रुपये मरीजों को लौटा दिए हैं

    अधिक राशि का बिल पाए जाने पर मरीजों को राशि वापस करने का निर्देश दिया गया है। ऑडिट विभाग द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बाद पांच अस्पतालों के प्रशासन ने चार लाख रुपये मरीजों को लौटा दिए हैं। बाकी अस्पतालों को मरीजों के अतिरिक्त चार्ज किए गए बिलों का तत्काल भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं। महानगरपालिका के चिकित्सा विभाग ने चार अस्पतालों की मान्यता रद्द करते हुए दो अस्पतालों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है।