नासिक : विगत नवंबर महीने में होलाराम कॉलनी में अपने घर लौट रहे एक वरिष्ठ नागरिक और विकासक कन्हैया लाल मनवाणी को कार चालक और उसके भाई ने बंदूक का धौंस दिखाकर लूटा था। बदमाशों (Miscreants) ने उनके पास से 66 लाख 50 हजार रुपए लूटकर फरार हो गए थे। इस मामले में साढ़े चार महीने के बाद शहर अपराध शाखा (Crime Branch) के यूनिट एक के पथक ने कार्रवाई की।
संदिग्धों को हिरासत में लिया और उनके पास से 52 लाख रुपए नकद और अन्य सामग्री बरामद की। संदिग्धों को न्यायालय ने तीन दिनों की रिमांड पर पुलिस को सौंपा है। संदिग्धों का नाम सातपुर निवासी युवराज मोहन शिंदे (37), देवीदास मोहन शिंदे (26 ) है। उन्होंने 15 नवंबर 2022 की रात को कन्हैयालाल तेजसदास मनवाणी यह अपने कुलकर्णी गार्डन परिसर के कार्यालय से होलाराम कालोनी स्थित घर लौट रहे थे। इस बीच कार चालक देवीदास शिंदे ने कार रोकी। इसके बाद एक संदिरग्ध मनवानी के बगल में बैठा, जिसने बंदूक का धौंस दिखाया और उनके पास से 66 लाख 50 हजार रुपए की नकद कब्जें लेकर मनवानी को पाथर्डी फाटा परिसर में कार से उतार दिया। इसके बाद कार (MH-15-GF-9567) चोरी करते हुए फरार हो गए।
चोरी की कार अंबड़ परिसर से बरामद हुई। इस मामले में सरकारवाडा पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया। मामले की जांच करते हुए वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विजय ढमाल, विधायक प्रवीण वाघमारे, प्रदीप म्हसदे, संदीप भांड, नाझिमखान पठाण, प्रशांत मरकड, विशाल देवरे, योगीराज गायकवाड, मुक्तार शेख के पथक ने संदिग्धों को साढ़े चार महीने के बाद हिरासत में लिया। उनके पास से लूट की लाखों रुपए की नकद और चोरी के पैसों से खरीदी हुई कार बरामद की।
मुंबई, पुणे, गोवा में मौज
संदिग्ध शिंदे भाईयों ने मनवानी को लूटकर कोल्हापूर पहुंचे। कुछ दिन वहां पर गुजारने के बाद उन्होंने चार लाख रुपए की कार खरीदी। इसके बाद मुंबई, पुणे और गोवा में घूमते रहे। डांस बार और जिस्म फरोशी के अड्डों पर जाते रहे। एक नई लूट की वारदात को अंजाम देने की फिराक में थें, लेकिन इससे पहले वह पुलिस के हत्थें चढ़े।
आर्केस्ट्रा गायक से चोर
संदिग्ध शिंदे भाई में से एक युवराज शिंदे यह गायक था, जिसने एक ऑर्केस्ट्रा शुरू किया था, जो टीवी चैनल पर चलने वाले गायकों के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रयास कर रहा था। साथ ही, वह कम समय में अमीर बनना चाहता था। इसके लिए उसने छोटे भाई देवीदास को साथ में लेकर मनवाणी को लूटने की योजना बनाई। तीन वर्षों तक नासिक नहीं पहुंचने की योजना बनाई थी, लेकिन गुप्त सूचना के बाद वह पुलिस के जाल में फंस गए।