Chhagan Bhujbal,Maharashtra
छगन भुजबल

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नासिक: महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के लिए दावेदारों की संख्या बढ़ती नजर आ रही है। इसके साथ ही कई दिग्गज नेता भी टिकट पाने के लिए जद्दोजहद करते नजर आ रहे हैं। आपको बता दें कि इनमें से एक बड़ा नाम है छगन भुजबल का। जी हां सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) लोकसभा चुनाव का टिकट पाने के लिए वरिष्ठों पर दबाव बनाने की तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। 

… नहीं तो बीजेपी से लडूंगा 

ऐसे में अब माना जा रहा है कि भुजबल ने वरिष्ठों को चेतावनी दी है कि लोकसभा चुनाव में भुजबल परिवार से किसी एक को मौका मिलना चाहिए, नहीं तो वह बीजेपी से चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में देखना यह होगा कि क्या छगन भुजबल की बात मानी जायेगी या फिर वह भाजपा की ओर से चुनाव लड़ेंगे? आइए जानते है पूरी खबर विस्तार से.. 

अजित पर दबाव 

सूत्रों ने जानकारी दी है कि भुजबल ने अजित पवार पर दबाव की तकनीक का इस्तेमाल किया। माना जा रहा है कि भुजबल ने पार्टी  के वरिष्ठ नेताओं को चेतावनी दी है कि भुजबल परिवार में से किसी एक को मौका मिलना चाहिए नहीं तो वह बीजेपी से चुनाव लड़ेंगे। भुजबल को लगता है कि बीजेपी लोकसभा के लिए माधव यानी माली, धनगर, वंजारी पैटर्न अपना रही है. सिन्नर विधायक माणिकराव कोकाटे भी नासिक से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।

विवाद के चलते नहीं मिलेगी सीट?

 
भुजबल का मानना है कि बीजेपी को लोकसभा के लिए माधव पैटर्न (माळी, धनगर, वंजारी) को अपनाना चाहिए, जिसका निश्चित रूप से चुनाव में फायदा हो सकता है। पार्टी के एक गुट की राय है कि ओबीसी मराठा आरक्षण विवाद के चलते भुजबल को उम्मीदवार बनाए जाने पर असर पड़ सकता है। 

नासिक से बड़ी घोषणा! 

जानकारी के लिए आपको बता दें कि सिन्नर विधायक माणिकराव कोकाटे भी नासिक से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। नासिक लोकसभा को लेकर अजित पवार ने आज पुणे में जिले के विधायकों की बैठक आयोजित की है। क्या आज पुणे की बैठक में नासिक लोकसभा को लेकर निकलेगा कोई समाधान? ये देखना अहम होगा। 

छगन भुजबल ने कहा…
 
जानकारी के लिए आपको बता दें कि छगन भुजबल नासिक लोकसभा क्षेत्र की समीक्षा बैठक के लिए पुणे रवाना हुए। उस वक्त बोलते हुए उन्होंने कहा था, ”पुणे में एनसीपी की बैठक है। हमें कितनी सीटें मिलेंगी या मिलने की संभावना है, कार्यकर्ता कितने तैयार हैं, हमारे जीतने की कितनी संभावना है, इसे लेकर बैठक हो रही है।” अजित दादा पार्टी के नेता के रूप में समीक्षा करने जा रहे हैं। मेरे नाम पर दिल्ली में चर्चा होगी। मुझे नहीं पता कि क्या हुआ, पुणे जाऊंगा तो पूछूंगा। जो दिल्ली गए हैं उनसे पूछूंगा। कई लोग इच्छुक हैं। हमने किसी पर दबाव नहीं डाला है, 1 फीसदी भी नहीं। हम एनसीपी के हैं, पार्टी बदलने का सवाल ही नहीं है। जिसे भी सीट मिलेगी, वह लड़ेंगे। ग्रुप का उम्मीदवार 100 फीसदी चुना जाएगा।’ 

ऐसे में अब देखना यह होगा कि क्या वास्तव में ओबीसी मराठा आरक्षण विवाद के चलते भुजबल को उम्मीदवार बनाया जाता है या नहीं और अगर नहीं बनाया जाता तो क्या वे बीजेपी का दामन थामेंगे ?