नए साल में नागरिकों को चाहिए ‘भयमुक्त नासिक’!, 2022 में गायब हुई पुलिसिंग 2023 में शुरू होने की अपेक्षा

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    – संतोष भारस्कर

    नासिक : नासिक शहर पुलिस आयुक्तालय (Nashik City Police Commissionerate) सहित ग्रामीण पुलिस आयुक्तालय (Rural Police Commissionerate) की सीमा क्षेत्र में सिनेमा में दिखाए जाने वाले दृश्य की तरह हत्याएं हुई।  आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के लिए अपराधियों द्वारा उपयोग में लाए गए नए-नए फंडों से पुलिस दल हक्का बक्का रह गया। घटनाओं की जांच करते समय राजनीतिक स्थिति सहित अन्य कारणों से जिले में लगातार तनाव देखने को मिला। बंदोबस्त में कोई कमी नहीं आई, लेकिन शहर-ग्रामीण में पुलिसिंग गायब रही। परिणामस्वरूप हत्या, मारपीट, हमला, डकैती, खंडणी आदि के चलते आपराधिक घटनाओं का ग्राफ बढता ही गया, जिसे रोकने के लिए कभी भी पुलिस दल रास्ते पर नहीं उतरा। इस ‘अदृश्य पोलिसिंग’ के चलते अपराधियों की हिम्मत दिन ब दिन बढ़ रही है। नए साल में प्रखरता से ‘विजिबल पोलिसिंग’ नासिक शहर सहित जिले को ‘भयमुक्त’ करने के लिए आवश्यक है। महामार्ग की ‘लेन कटिंग’ रोकने में सफलता मिलने से सड़क दुर्घटनाओं की संख्या कुछ हद तक कम हो गई है। सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए शहर में नए 22 सिग्नल प्रस्तावित है। डी. के. नगर चौकी में 4 पुलिस के ऑन ड्यूटी शराब पार्टी हुई।

    इसके बाद कुछ चौकी को सील कर दिया गया, जिसे लेकर प्रखर विरोध होने के बाद पुलिस महासंचालक ने ‘एक बीट, एक चौकी’ कार्यान्वित करने के आदेश दिए। नासिक में ‘सीबीआय एसीबी’ का पहली बार कामकाज शुरू हुआ। इस पथक ने रिश्वतखोरी में सीजीएसटी सहित एमईएस के अधिकारियों को गिरफ्तार किया। 2013 में बाफना हत्या कांड के 5 में से 3 संदिग्ध आरोपियों को निर्दोष मुक्त करते हुए आरोपी चेतन पगारे और अमन जट को फांसी की सजा सुनाई।  न्यायालयीन प्रकरण में फर्जी दस्तावेज की मदद से 81 प्रकरण में तोतया जामीनदार होने की घटना नाशिक न्यायालय में सामने आया। 20 संदिग्ध रडार पर है।  इसके पीछे होने वाली सक्रिय टोली का पर्दाफाश हुआ। 

    क्या खोया, क्या पाया?

    डॉ. सुवर्णा वाजे, कापडणीस दुहेरी हत्याकांड, जरीफ बाबा हत्या के पीछे होने वाली ‘मर्डर मिस्ट्री’ सामने आई। शहर में वर्षभर में 27 हत्याएं हुई। सभी मामलों की जांच पूर्ण हुई। बस दुर्घटना में झुलस कर 12 यात्रियों की मौत हुई, जिसकी गूंज राज्य के साथ केंद्र सरकार तक पहुंची। मुख्यमंत्री ने दौरा करने के बाद प्रशासन ने सड़क सुरक्षा पर जोर दिया, लेकिन आज भी शहर सहित जिले के सभी सड़के असुरक्षित है। तत्कालीन पुलिस आयुक्त दीपक पांडे ने राजस्व विभाग को लेकर लिखे गए ‘लेटरबॉम्ब’ से हंगामा मच गया। केवल 9 महीने में पुलिस कमिश्नर जयंत नाईकनवरे का तबादला हुआ। शहर में 11 महीने में दो पुलिस आयुक्तों का तबादला होने से पुलिसिंग पर विपरीत परिणाम देखा गया। ग्रामीण पुलिस दल में अंतर्गत तबादलों के लिए फर्जी वैद्यकीय प्रमाणपत्र पेश किए जाने से आवेदनकर्ता पुलिस सहित दो बड़े वैद्यकीय अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। परंतु संदिग्ध आरोपियों ने न्यायालय में पहुंचकर अपने आप को पुलिस से बचा लिया। इसके चलते मामले की विस्तृत जांच नहीं हो पाई। 

    नए वर्ष में यह होना अपेक्षित?

    अंबड पुलिस स्टेशन के विभाजन सहित आयुक्तालय का विस्तार, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त सहित मनुष्यबल में बढ़ोतरी होना अपेक्षित है। नासिक शहर पुलिस आयुक्तालय ने स्वतंत्र यातायात उपायुक्त और अतिरिक्त सहायक आयुक्त नियुक्ति को लेकर प्रस्ताव पेश किया है। साथ ही ईओडब्ल्यू, नियंत्रण कक्ष को पूर्ण समय एसीपी की जरूरत है। सातपुर के बंगले में हुई सशस्त्र डकैती की जांच पूर्ण नहीं हो पाई है। नाबालिगों के हाथों में शस्त्र पहुंच गए है। अमली पदार्थ का जाल दिन ब दिन बढ़ रहा है। पुलिस कमिश्नर अंकुश शिंदे ने डकैती, खंडणी, गुंडा और अंमली पदार्थ विरोधी पथक चयन करने के आदेश दिए है। इगतपुरी की नामचीन कंपनी के पार्टी में ‘रेड’ करने के बाद मुंबई की दो महिला सहित 18 युवती और राज्य के बाहर के 55 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था।  ग्रामीण सीमा क्षेत्र के अवैध धंधे के साथ इन ‘हायप्रोफाइल पार्टी’ बंद होना अपेक्षित है। ग्रामीण पुलिस दल में 164 पुलिस सिपाही और 15 चालकों की भर्ती होने से मनुष्यबल बढ़ने वाला है। ‘कैट्स’, ‘डीआरडीओ’ इस सेना के सीमा क्षेत्र के पास अज्ञात ड्रोन ने गुमा तो देश विरोधी कार्रवाई के आरोप में ‘पीएफआय’ के 7 सदस्यों को ‘एटीएस’ ने गिरफ्तार किया। कुल मिलाकर नए वर्ष में सेना सुरक्षा सहित दहशतवादी कार्रवाई रोकने की चुनौती पुलिस के सामने होगी।