Dispute between two priests in Trimbakeshwar, fierce fighting

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    नाशिक : धर्म (Religion) और श्रद्धा (Faith) का लाभ कौन कैसे लेगा? कुछ कह नहीं सकते। इसलिए नारायण नागबली के नाम पर हजारों रुपए भाविकों से वसूल किए जाते है। इस विधि, कर्मकांड के फेरे में फंसने पर कर्ज के बोझ में दबने में समय नहीं लगता है।

    इसके खिलाफ महात्मा ज्योतिबा फुले (Mahatma Jyotiba Phule) ने आवाज बुलंद किया। लेकिन विधी, कर्मकांड के प्रकार कम नहीं हो रहे है। विशेष यह है कि पढ़े-लिखे नागरिक भी इस जाल में फंस रहे है। किसी पर श्रद्धा होना अलग है। लेकिन उसका अंधश्रद्धा में रूपांतरण होने के बाद वसूली के लिए कई तैयार होते है। ऐसा ही एक मामला त्र्यंबकेश्वर में सामने आया है। पूजा के लिए आए भाविकों को अन्य पुरोहित अपने साथ ले जाने से पुरोहितों में जमकर विवाद हुआ।

    नाशिक में आने के बाद दोनों पुरोहितों ने एक-दूसरे को जमकर मारपीट की। गौरतलब है कि नागपुर के एक भाविक कालसर्प पूजा के लिए रामकुंड परिसर में आए। इस पूजा के लिए एक पुरोहित ने 11 हजार रुपए की मांग की।  इसके बाद भाविक दुसरे पुरोहित के पास पहुंचा, जिसने कम खर्च में पूजा की। इसकी जानकारी मिलने के बाद दोनों पुरोहितों में जमकर विवाद हुआ। यह दोनों नाशिक आने के बाद एक-दूसरे की जमकर पिटाई की।