नाशिक. जिले (District) में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश (Heavy Rain) ने किसानों को झकझोर कर रख दिया है। ओलावृष्टि (Hailstorm) ने फसलों को तबाह कर दिया है। जिले के कई हिस्सों में शनिवार दोपहर और रात को भारी बारिश हुई। दिंडोरी तहसील (Dindori Tehsil) में, वरखेड़ा, मटेरेवाड़ी, बोपेगांव, पालाखेड़ खड़क, सुकेने क्षेत्रों में काले भारी बादल छा गए।
सिन्नर तहसील के दोडी, शिवाजीनगर, खंबाले, सुरेगांव, कांकोरी, मनोरी, गोंदे और दापुर क्षेत्रों में बारिश के कारण सोयाबीन की खेती जलमग्न हो गई। येवला और नांदगांव तहसील में भी भारी बारिश हुई। मुखेड़, नेभगांव और भिंगारे गांवों में भी बारिश हुई। इससे अंगूर के बागों को भारी नुकसान हुआ है। टमाटर, मिर्च, मक्का, सोयाबीन मिट्टी में मिल गए। पेठ तहसील के पाटे में बिजली गिरने के कारण खलिहान में बंधे बैलों के रेवड में से 2 की मौके पर ही मौत हो गई। चांदवड़ तहसील में बादल फटने से ओझरखेड़ नहर फट गई। रेलवे सुरंग में नहर का पानी भर गया। नतीजा यह रहा कि कई गांवों का संपर्क टूट गया।
पंचनामे की मांग
येवला तहसील के किसानों ने बड़ी मुश्किल से मक्के की खेती की। लेकिन पिछले हफ्ते हुई भारी बारिश ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। मक्के की फसल घुटने तक पानी में डूबी गई। फसल को भारी नुकसान हुआ है। इसलिए किसान तत्काल मुआवजे की मांग कर रहे हैं। येवला के एक किसान विजय जेजुरकर ने मक्का लगाया था, जबकि रामनाथ देशमुख ने तीन एकड़ में प्याज लगाया था। इसमें उन्हें लगभग 60,000 से 70,000 रुपये का खर्च आया। लेकिन भारी बारिश के कारण प्याज के खेतों में पानी जमा हो गया। किसान मांग कर रहे हैं कि सरकार व्यापक पंचनामा कर उन्हें मुआवजा दे।
भयानक क्षति
जून, जुलाई और अगस्त में नाशिक में हुई बारिश ने सितंबर में विनाशकारी रूप ले लिया। इससे जिले में 54 हजार 877 हेक्टेयर पर लगी फसल नष्ट हो गई है। बारिश ने इतना नुकसान किया है कि पूरे नाशिक जिले में हाहाकार मच गया। जिला प्रशासन के प्रारंभिक पंचनामा के अनुसार, जिले में फसलें भूतीग्रस्त हो गई हैं, साथ ही 7,000 मुर्गियों की मौत हो गई है और 104 घर गिर गए हैं। विनाशकारी बारिश से 152 गांवों के 69,269 किसान प्रभावित हुए हैं। बारिश ने बागों, मक्का, बाजरा, कपूर, सोयाबीन और मूंगफली को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है।