Godavari River
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    नाशिक: जुलाई माह में हुई भारी बारिश (Heavy Rains) बाद गंगापुर बांध (Gangapur Dam) से केवल 11 हजार क्युसेक पानी छोड़ा गया था। इसके चलते गोदावरी नदी (Godavari River) में बाढ़ आ गई थी। इस बाढ़ में एक बार फिर स्मार्ट सिटी कंपनी (Smart City Company) द्वारा गोदावरी नदी परिसर के सौंदर्यीकरण (Beautification) के नाम पर बिठाई गई फर्श बह गई। वास्तविकता में नाशिकवासी लगातार इस फर्श बिठाने के कार्य का विरोध कर रहे हैं। इसके बावजूद स्मार्ट सिटी कंपनी यह कार्य कर रही है। विगत वर्ष भी गोदावरी नदी में आई बाढ़ में फर्श बह गई थी। इस दौरान भी विरोध हुआ था, लेकिन विरोध को नजरअंदाज करते हुए कार्य जारी रखा गया। 

    स्मार्ट सिटी के अंतर्गत हो रहे शहर के सौंदर्यीकरण के नाम पर गोदावरी के पात्र में प्राचीन पत्थरों पर फर्श बिठाने की नीति स्मार्ट सिटी कंपनी ने बनाई थी, लेकिन उसका विरोध किया गया, परंतु इसका कोई फायदा नहीं हुआ। उपयोग में आने वाले पत्थर, उसकी मोटाई, बिना नियम के नियमबाह्य पद्धति से काम करने का आरोप लगाया जा रहा है। फर्श बिठाने से 4 से 5 इंच बाढ़ का स्तर बढ़ने की बात कही जा रही है। स्मार्ट सिटी की मनमानी को रोकने की मांग नासिकवासी कर रहे हैं।

    पुरातत्व विभाग से किया जाएगा सलाह मशविरा

    पुरातत्व विभाग के अधीन एक मंदिर की प्राचीन सीढ़ियां दुरुस्ती के नाम पर तोड़ी गईं। इसको लेकर पुरातत्व विभाग ने स्मार्ट सिटी कंपनी को नोटिस जारी किया था। इस पर कंपनी ने सीढ़ियां फिर से बिठाने का आश्वासन दिया था, लेकिन वह भी इस बार गोदावरी नदी की बाढ़ में बह गई। इस पर कंपनी ने कहा है कि इसको लेकर पुरातत्व विभाग से सलाह मशविरा किया जाएगा।