Shiv Sena
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    नाशिक : खनिकर्म मंत्री दादा भुसे, विधायक सुहास कांदे और सांसद हेमंत गोडसे शिंदे गुट (Shinde Group) में शामिल होने के बाद अब नाशिक शहर में भी शिवसेना (Shiv Sena) के पूर्व नगरसेवक (Former Corporator) शिंदे गुट की राह पर चल पड़े है। हालही में पूर्व नगरसेवक बंटी तिदमे ने शिंदे गुट में प्रवेश किया। उन्हें नाशिक महानगर प्रमुख पद की जिम्मेदारी दी गई है। इसके बाद शिवसेना के 17 से अधिक पूर्व नगरसेवक शिंदे गट की राह पर चल पड़े है, जिसमें कौन-कौन शामिल है? इस बारे में अभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है। ऐसे में शिवसेना के पदाधिकारी गहरी नींद में होने की बात भी सामने आई है। बंटी तिदमे ने शिंदे गुट में प्रवेश करने के बाद शिवसेना पदाधिकारियों की नींद खुल गई और वह अपने पूर्व नगरसेवकों के साथ पदाधिकारियों से मुलाकात करने का प्रयास कर रहे है। आगामी दिनों में शिंदे गुट में शिवसेना से शामिल होने वालों की संख्या अधिक होने की चर्चा अब शुरू हो गई है। कुल मिलाकर नाशिक में शिंदे गुट का असर दिखाई देने लगा है, जो आगामी दिनों में क्या रंग लाता है? इस ओर पर सभी की निगाहें लगी हुई है। बता दे कि नाशिक शहर से सांसद हेमंत गोडसे के माध्यम से शिंदे गुट में प्रवेश करने की प्रक्रिया शुरू हुई। सांसद गोडने ने शिवसेना में दरार निर्माण करने का प्रयास शुरू करते हुए अपना काम शुरू किया। दरमियान म्युनिसिपल कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष और पूर्व नगरसेवक प्रवीण तिदमे शिंदे गुट में शामिल हुए। इसके बाद उन्हें नाशिक महानगर प्रमुख पद दिया गया। इसके बाद तिदमे द्वारा किए जा रहे प्रयास के बाद शिवसेना के 17 पूर्व नगरसेवक शिंदे गुट की राह पर चल पड़े है। यह आंकड़ा आगामी दिनों में बढ़ने वाला है, जिसमें सिडको विभाग के सबसे अधिक पूर्व नगरसेवक शामिल है। 

    एकनाथ शिंदे जब शिवसेना से बाहर निकले तब उन्हें 40 विधायकों का समर्थन मिला। राज्य में बीजेपी की मदद से सत्ता गठीत करने के बाद अब शिवसेना को संगठनात्मक स्तर पर तोड़ना का प्रयास शुरू किया गया है। नाशिक जिले से शिंदे गुट को देखा जाए तो प्रतिसाद नहीं मिला। परंतु आगामी चुनाव की पार्श्‍वभूमी पर शिवसेना से नाराज होने वालों को शिंदे गुट में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है। शिवसेना को तोड़ने की जिम्मेदारी सांसद हेमंत गोडसे पर दी गई है। नाशिक तहसील में शिवसेना को बढ़ाने का काम करने वाले अनिल ढिकले को सांसद गोडसे ने शिंदे गुट में शामिल किया। उन्हें जिला प्रमुख पद की जिम्मेदारी दी गई है। तो म्युनिसिपल कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष बंटी (प्रवीण) तिदमे को नाशिक महानगर प्रमुख पद की जिम्मेदारी दी गई है। आगामी दिनों में शिंदे गुट में प्रवेश का सिलसिला शुरू रहेगा, जिसमें कोई संदेह नहीं है। दूसरी ओर शिवसेना अपने नगरसेवक और पदाधिकारियों को पार्टी में रखने के लिए क्या निर्णय लेते है? इस ओर सभी की निगाहें लगी हुई है। 

    शिंदे गुट में प्रवेश करने लेने के लिए सिडको सबसे आगे

    तिदमे के बाद पाथर्डी फाटा और सिडको के मध्यवर्ती परिसर के एक नगरसेवक शिंदे गुट में प्रवेश करने वाले है। साथ ही एक महिला पूर्व नगरसेवक भी प्रवेश करने वाली है। परंतु सभी वेट एंड वॉच की भूमिका में है। आगामी दिनों में शिंदे गुट में 17 से अधिक पूर्व नगरसेवक प्रवेश करने वाले है, जिसमें सिडको सबसे आगे है।

    म्युनिसिपल कर्मचारी संगठन को मिलेगा नया चेहरा

    नाशिक महानगरपालिका में सबसे बड़ा संगठन म्युनिसिपल कर्मचारी संगठन है, जिसके अध्यक्ष शिंदे गुट में जाने से वहां पर भी दरार निर्माण होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। बीजेपी और मनसे को म्युनिसिपल कर्मचारी संगठन पर वर्चस्व पाना चाहती है। इसलिए आगामी दिनों में दोनों राजनीतिक पार्टी में जोरदार संघर्ष होगा।