नाशिक में पानी को लेकर अन्याय, जल सिंचाई मंत्री को मनसे का ज्ञापन

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    नाशिक. जिले में पानी (Water) को लेकर अन्याय किया जा रहा है, जिसे दूर करने की मांग को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के जिलाध्यक्ष अंकुश पवार (Ankush Pawar) ने राज्य के जल सिंचाई मंत्री जयंत पाटिल (Jayant Patil) से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। इस दौरान पाटिल ने समस्या दूर करने का आश्वासन दिया। इस मौके पर अंकुश ने बताया कि जिले में छोटे-बड़े 24 बांध हैं। 

    नाशिक जिले के दारणा-गंगापुर समूह से नाशिक, नांदेड, मराठवाड़ा ऐसे 13 जिले, गिरणा समूह से राज्य के खानदेश विभाग तो नांदूरमध्यमेश्वर और वैतरणा बांध समूह से मुंबई विभाग को जलापूर्ति की जाती है। राज्य की 40% खेत जमीन को नाशिक के बांधों से जलापूर्ति की जाती है, लेकिन बांधों का जिला कहलाने वाले नाशिक पर ही पानी को लेकर अन्याय किया जा रहा है। जिले के अधिकतर बांध ब्रिटिशकालीन है, जिसमें जमा हुए कीचड़ से बांधों के पानी का स्तर और क्षमता 30% से कम हो गई है। 

    शराब कारखानों के लिए छोड़ा जा रहा पानी

    हर साल बारिश से पहले बांधों का कीचड़ निकालने का नियोजन होता है, लेकिन निधि के अभाव में काम नहीं हो रहा है। कई बांधों की देखभाल व दुरुस्ती करने की जरूरत है। इसके लिए सरकारी स्तर से निधि उपलब्ध होना जरूरी है। कश्यपी, इगतपुरी व जिले के अन्य बांधों के लिए जिन्होंने अपनी खेती दी उन्हें अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। नदी में मिलने वाले नागरी व औद्योगिक वसाहत के गंदे पानी से जल प्रदूषण बढ़ गया है। इसके लिए होने वाला कानून अधूरा है, जिसमें सुधार की जरूरत है। औरंगाबाद में होने वाले शराब कारखानों के लिए जिले से पीने के पानी के नाम पर पानी छोड़ा जाता है, जो नाशिक जिले पर अन्याय है। उर्ध्ववाहिनी दमण-गंगा व नार-पार जैसी योजना के माध्यम से नाशिक के अधिकार का पानी दूसरे में भेजा जा रहा है। नुकसान का पंचनामा न करते हुए 50 हजार रुपए की तुरंत मदद देने की मांग मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने की है। नाशिक दौरे पर आए जल सिंचाई मंत्री पाटिल को जिलाध्यक्ष अंकुश पवार ने मुलाकात कर स्थिति से अवगत कराया। इस बारे में जल्द से जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन पाटिल ने दिया।