sanjay raut and mp godse

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    नाशिक: शिवसेना (Shiv Sena) में पड़ी बड़ी फूट का सिर्फ एकमात्र कारण संजय राउत (Sanjay Raut) हैं। अगर संजय राउत नहीं होते तो शिवसेना आज बहुत अच्छे दिन देख रही होती। यह बात सांसद हेमंत गोडसे (MP Hemant Godse) ने कही। वे नाशिक में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। गोडसे ने अपनी बेबाक राय रखते हुए कहा कि संजय राउत के कारण राज्य की जनता के बीच शिवसेना की छवि खराब हुई है।   

    शिवसेना के सांसदों के शिंदे समूह (Shinde Camp) में शामिल होने से पार्टी को बड़ा झटका लगा है। इनमें नाशिक के सांसद हेमंत गोडसे भी शामिल हैं। दिल्ली में इन राजनीतिक घटनाक्रमों के बाद शुक्रवार को गोडसे नाशिक पहुंचे। इसी दौरान उपनगर के इच्छामणी लॉन में आयोजित सभा के दौरान गोडसे ने सांसद राउत पर हमला बोला और महाविकास आघाड़ी पर जोरदार टिप्पणी की।

    सत्ता के लिए मुख्यमंत्री शिंदे के साथ नहीं गए

    सांसद गोडसे ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री शिंदे के साथ सत्ता के लिए नहीं, बल्कि विकास के लिए जाने का फैसला किया है, लेकिन शिंदे के समूह में शामिल होने से पहले ही, हमने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ मातोश्री पर चर्चा की। उस वक्त हमने केवल दो मांगें उठाई। बीजेपी के साथ स्वाभाविक गठबंधन करने, शिंदे को फिर से आमंत्रित करने और संजय राउत को रोकने को कहा था।

    महंगाई के मुद्दे पर राउत ने नहीं उठाई आवाज 

    उन्होंने महाविकास आघाड़ी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पिछले ढाई वर्ष का अनुभव बीजेपी के साथ 25 साल के गठबंधन की तुलना में बहुत खराब रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने ठाकरे को यह भी बताया कि राउत के कारण पार्टी की छवि खराब हो रही है। राउत को पार्टी ने लताड़ा, लेकिन राउत ने रोजगार के मुद्दे पर कब बात की? महंगाई के मुद्दे पर उन्होंने कब आवाज उठाई? बाढ़ की स्थिति के दौरान उन्होंने कब जाकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया? सुबह उठकर टीवी पर बात ही उन्होंने की। गोडसे ने कहा कि उद्धव ठाकरे भी गठबंधन के साथ जाने के लिए तैयार थे, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई न होने के कारण हमें यह कदम उठाने पड़ रहे हैं।