महानगरपालिका कमिश्नर ने मांगा बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट का डाटा, आरोपों के बाद कार्रवाई मोड में कैलाश जाधव

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    नाशिक : महानगरपालिका कमिश्नर (Municipal Commissioner) कैलाश जाधव (Kailash Jadhav) ने नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) के टाउन प्लानिंग डिपार्टमेंट (Town Planning Department) को निर्देश दिए है कि वह 2014 के बाद 4000 और उससे अधिक स्क्वायर मीटर (Square Meters) के बने रेसीडेंसियल प्रोजेक्ट (Residential Projects) के बारे में जानकारी जुटाए।

    कैलाश जाधव ने यह निर्देश उन आरोपों के बाद दिया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि कुछ प्लॉट जहां आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए है उसका इस्तेमाल रेसीडेंसिल और कमर्शियल प्रोजेक्ट के लिए हो रहा है। नवंबर 2013 में राज्य सरकार ने हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए आर्थिक रुप से गरीब वर्ग के लिए 20% आरक्षण अनिवार्य कर दिया था। ये नियम उन प्रोजेक्ट्स के लिए है जहां पर 4000 और उससे अधिक स्क्वॉयर मीटर के लैंड पर घर बना हो और वहां की आबादी 10 लाख तक हो।

    यह बिल्डर और दूसरे हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए भी अनिवार्य है जहां तैयार किए गए घरों में 20% घर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को देना अनिवार्य है। ये फ्लैट तैयार करने के बाद म्हाडा को देना होता है। कैलाश जाधव ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे इसकी जानकारी जुटाए कि 2014 के बाद कितने ऐसे प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद महानगरपालिका द्वारा निर्माण कार्य पूरा होने का सर्टिफिकेट दिया जाता है। 4000 या उससे अधिक स्क्वॉयर मीटर के प्रोजेक्ट के लिए म्हाडा से एनओसी लेना अनिवार्य होता है।