उभाडे की किसान बस्ती का विरोधी पक्ष नेता ने किया दौरा, अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश

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    इगतपुरी : इगतपुरी तहसील के उभाडे (Ubhade) की किसान बस्ती में नाबालिग बच्चों के साथ मारपीट करने उनके लापता होने के साथ-साथ एक लड़की की मौत का मामला सामने आया है। पिछले तीन वर्षो से यह सिलसिला जारी है। पता चला है कि इस नाबालिग बच्चों (Minor Children) को संगमनेर में बेचा गया था। इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए राज्य के विरोधी पक्ष नेता आंबादास दानवे (Ambadas Danve) ने उभाडे की किसान बस्ती का दौरा किया और पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली और इस बारे में क्या किया जा सकता है कि इसके बारे संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।   

    इगतपुरी तहसील में कई किसान रहवासी क्षेत्र में बच्चों को एक वर्ष के लिए तीन से पांच हजार रुपए और एक भेड़ के बदले खरीदे जाने की जानकारी सामने आई थी। इगतपुरी तहसील की एक लड़की गौरी अगीवाले की जब संदिग्ध रूप से मौत हुई और इसके बाद जब पुलिस ने जांच शुरु की तो इसके पीछे के रैकेट का खुलासा हुआ। जांच के बाद यह बात सामने आई है कि 16 बच्चों को भेड़ के बदले बेंचा गया था, जिनमें से 6 बच्चों को तलाश लिया गया, जबकि 10 बच्चे अभी-भी लापता हैं। 

    अंबादास दानवे के दौरे के समय उनके साथ विधायक हीरामण खोसकर, पूर्व विधायक निर्मला गावित, पांडुरंग गांगड़, निवृत्ति जाधव, भगवान अडोले, सोमनाथ जोशी, रमेश गावित, कुलदीप चौधरी, नंदलाल भागड़े, राजेंद्र नाठे, संजय शिंदे, गोकुल हिलम, सचिन पाटिल, तेजस चव्हाण, परमेश्वर कासुले, माधुरी कांगने, पुलिस अर्जुन भोसले, मीना वर्षा, विकास माली सुजीत शिर्के, लता गायकवाड, एम. बी. देशमुख पंडित वाकड़े आदि भी थे। 

    माता-पिता ने खुद ही बच्चों को बेचा

    पुलिस की ओर से की गई गहन जांच पड़ताल के बाद यह भी बात सामने आई है कि कुछ माता माता-पिता ने स्वयं ही अपने बच्चों को बेचा है। पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है और जानकारी सामने आई है कि इन बच्चों को माता-पिता ने आर्थिक तंगी से परेशान होकर बेचा है। हैरानी की बात यह है कि कई दलाल कुछ माता-पिता भेड़ के लिए अपने बच्चों का सौदा करने में भी हिचक महसूस नहीं कर रहे हैं।