भड़गांव : प्रशासन को लिखित ज्ञापन देने के बाद भी, भड़गांव तहसील (Bhadgaon Tehsil) में गिरणा नदी तट से जारी रेत तस्करी (Sand Smuggling) के मामले में कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से महाराष्ट्र राज्य राष्ट्रीय लहू शक्ति संगठन (Maharashtra State National Blood Power Organization) की ओर से भड़गांव तहसील कार्यालय और पुलिस स्टेशन के सामने थाली (Thali) और ढोल (Dhol) बजाओ आंदोलन (Movement) शुरु किया गया। पिछले कुछ दिनों में इस संदर्भ में विभिन्न समाचार पत्रों में खबरें प्रकाशित होने के बाद भी जब प्रशासन नहीं जागा तो इस मुद्दे को लेकर आंदोलन शुरु किया गया। इस मुद्दे पर प्रशासन की उदासीनता को देखते हुए यह आंदोलन शुरु किया गया है। यह आंदोलन अपने आप में एक अलग तरह का आंदोलन है। इस आंदोलन के बाद प्रशासन कुंभकर्णी नींद से जागेगा, ऐसी उम्मीद की जा रही है।
भड़गांव शहर और तहसील में, रेत खनन, साथ ही अवैध व्यवसाय, सट्टेबाजी, पट्टा, चक्री जैसे कई अवैध व्यवसायों पर अंकुश लगाने के लिए राजस्व प्रशासन और पुलिस प्रशासन की ओर से कारगर कदम उठाएगा, ऐसी उम्मीद थी लेकिन जब वैसा नहीं हुआ तो लोगों की नराजगी बढ़ गई। लोगों की नाराजगी को देखते हुए महाराष्ट्र राज्य राष्ट्रीय लहू शक्ति संगठन की ओर से आंदोलन शुरु किया गया है। उल्लेखनीय है कि भड़गांव पुलिस स्टेशन के सामने सट्टा, जुआ, ताश जैसे अवैध धंधे धड़ल्ले से चल रहे हैं। पुलिस प्रशासन इस ओर अनदेखी करता नजर आ रहा है। भड़गांव के नागरिकों के मन में केवल एक ही सवाल उठ रहा है कि क्या कभी यहां का प्रशासन जागेगा।
आंदोलन की शुरुआत राष्ट्रीय लहू शक्ति सेना खानदेश संभाग के अध्यक्ष रमेश कांबले, लहू ब्रिगेड के संस्थापक अध्यक्ष सुरेश अंभोरे ने की। आंदोलन में जिला अध्यक्ष सागर अंभोरे, वरिष्ठ पत्रकार शिवदास महाजन, वंचित बहुजन अघाड़ी के तहसील अध्यक्ष – अन्ना मोरे, भीमराव पाटिल, परशुराम पाटिल (पेंटर), स्वप्निल पाटिल, पचोरा के अध्यक्ष तानाजी जाधव, जिला उपाध्यक्ष रमेश पगारे, जिला महासचिव सिद्धार्थ काले, भड़गांव तहसील अध्यक्ष- अशोक पवार, अनिल बाविस्कर, दादाभाऊ जाधव, अमोल कांबले, विजय कांबले, दगडू सोनवणे, सामाजिक कार्यकर्ता संजय परदेशी आदि ने थाली और ढोल बजाकर आंदोलन को सफल बनाया।