नाशिक: नाशिक शहर (Nashik City) की पहचान अंगूर (Grapes) से है, लेकिन अगर सुबह-सुबह के नाश्ते की बात की जाए तो यहां पाव वड़ा (Pav Vada) विशेष रूप से पसंद किया जाता है। राज्य की राजधानी मुंबई (Mumbai) के लोग जिस तरह से बड़े चाव से वड़ा पाव (Vada Pav) खाते हैं, ठीक उसी तरह से नाशिक के लोग पाव वड़ा खाना पसंद करते हैं। नाशिक शहर के सभी प्रमुख स्थानों रविवार कारंजा (आर.के.), पंचवटी कारंजा, सीबीएस, जिला अस्पताल, अशोक स्तंभ, मुंबई नाका, शालिमार चौक, द्वारिका, तिड़के कालोनी समेत शहर के सभी क्षेत्रों में पाव वड़ा बहुत ही चाव से खाया जाता है।
शहर के एक पाव वड़ा विक्रेता गोरखनाथ काडवे ने बताया कि वे पिछले 12 वर्षों से पाव वड़ा बेंच रहे हैं। आरंभ में 10 रुपए में मिलने वाला पाव वड़ा वर्तमान में 15 रुपए में उपलब्ध है।
2 बेटों के साथ दुकान पर डटे रहते हैं पिता
गोरखनाथ काडवे अपने 2 बेटों आकाश और संतोष के साथ मिलकर पाव बड़ा बेचते हैं। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने अपने बेटों को भी इसी काम में क्यों लगाया तो इस पर गोरखनाथ काड़वे ने बताया कि बच्चों को नौकरी नहीं मिली तो अपने साथ ले लिया। मुंबई के वड़ा पाव से आकार में बड़ा नाशिक का पाव वड़ा के निर्माण बंद और बेसन और आलू से किया जाता है, हालांकि नाशिक शहर में मुंबई जैसा वड़ा पाव भी मिलता है, लेकिन नाशिक के पाव वड़ा की बात ही कुछ और है।
शहर में नाश्ते के रूप में है इसकी डिमांड
मुंबई-ठाणे में जिस तरह वड़ा पाव की मांग होती है, कुछ उसी तरह की मांग नाशिक के लोगों की पाव वड़ा को लेकर है, हालांकि नाशिक शहर में तरह-तरह के व्यंजन की मांग होती है। साबूदाना वड़ा, उपमा, भेल, उसल पाव, पूरी-भाजी, इडली सांभर की भी मांग खाने वालों की ओर से की जाती है, लेकिन पाव वड़ा खाने वालों की संख्या भी कम नहीं है। शाम की तुलना में सुबह दुकानों में नाश्ता करने वालों की अच्छी खासी संख्या है और ये लोग पाव वड़ा की ही मांग करते हैं। जिस तरह से मुंबई के लोग आफिस जाते समय एक वड़ा पाव खाना पसंद करते हैं, उसी तरह नाशिक में भी आफिस जाते समय लोग पाव वड़ा खाना पसंद करते हैं। जहां तक स्वाद का सवाल है सभी नाशिक वासियों को अपने यहां के स्पेशल पाव वड़ा पर बड़ा नाज है।