सिन्नर : संक्रांत महोत्सव (Sankrant Festival) बस कुछ ही दिन दूर है और शहर में पहले ही पतंग प्रेमियों (Kite Lovers) द्वारा पतंग उड़ाना शुरू कर दिया है। हर साल देखा जाता है कि नायलॉन मांजा (Nylon Manja) पतंग प्रेमियों द्वारा व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, इसलिए यहां के देवाज ग्रुप ने पुलिस निरीक्षक को एक ज्ञापन जारी कर ऐसे मांजे के विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
नायलॉन मांजे पर प्रतिबंध सिर्फ कागजों पर ही लगता है। शहर में पतंग प्रेमियों द्वारा नायलॉन मांजे का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। शहर में इन दिनों इस मांजे के लिए सांकेतिक शब्द का उपयोग किया जा रहा है और खुले आम नायलॉन मांजे की विक्री हो रही है। कई लोग प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए रात में दुकानों के बजाय सार्वजनिक स्थानों पर या घर पर नायलॉन का मांजा बेच रहे हैं। नतीजतन, मकर संक्रांति की पृष्ठभूमि में नायलॉन मांजा की ‘वापसी’ से दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है।
मकर संक्रांति भले ही अभी दूर है, लेकिन नायलॉन मांजे के कारण कई लोग घायल हो रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में इस मांजे के कारण कई लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। शहर के कुछ हिस्सों में नायलॉन मांजा कागज या बैग में लपेटकर ग्राहकों को दिया जा रहा है। गलियों और बच्चों के हाथों में मांजा दिखने से कालाबाजारी सामने आ रही है। इसलिए देवाज ग्रुप के चेयरमैन योगेश लोंढे और पदाधिकारियों ने एक ज्ञापन में मांग की है कि नायलॉन मांजे पर प्रतिबंध लगाया जाए और इस मांजे को बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस अवसर पर रतन कुमावत, अमोल झगड़े, राकेश कोकाटे, सूरज साठे, अजिंक्य नवसे, ओमकार कासार, विक्रांत कुलकर्णी, आशीष राणे उपस्थित थे।