Phalke Memorial

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नासिक: फिल्म महर्षि दादासाहब फालके स्मारक (Maharishi Dadasaheb Phalke Memorial) और बुद्ध स्मारक और संपूर्ण बुद्ध विहार परिसर के सभी टिकट दरों (Tickets Rates) के साथ पार्किंग फीस (Parking Fees) डबल की जाएगी। इस संबंध में प्रस्ताव नासिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) के राजस्व विभाग ने स्थायी समिति (Standing Committee) में मंजूरी के लिए पेश किया है।

दादासाहेब फालके मेमोरियल 1 जुलाई 2022 से पर्यटकों के लिए फिर से खोल दिया गया है। प्रत्येक सोमवार को साप्ताहिक अवकाश दिया जाता है। जुलाई 2022 से अगस्त 2022 तक इस स्थान की आय काफी हद तक कम हो गई है और जुलाई 2022 और अगस्त 2022 का कुल बिजली बिल और स्थापना लागत 45 लाख 50 हजार 824 है। इसलिए आय कटौती के बाद महानगरपालिका पर प्रतिदिन 71 हजार 487 का बोझ पड़ रहा है। इसलिए राजस्व विभाग ने महानगरपालिका प्रशासन के सुझाव के अनुसार, दादासाहेब फालके स्मारक और बुद्ध स्मारक के साथ-साथ पूरे बुद्ध विहार क्षेत्र में सभी टिकट दरों और अन्य दरों में वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। स्थायी समिति का अनुमोदन महानगरपालिका के कमिश्नर और स्थायी समिति अध्यक्ष डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार बैठक में करेंगे।

ऐसे होंगे टिकट के दाम 

पहले वयस्क प्रवेश शुल्क 10 रुपए था, उसे बढ़ाकर अब 20 रुपए कर दिया गया है। 3 से 18 वर्ष के बच्चों का प्रवेश शुल्क 5 रुपए है। उसे बढ़ाकर 10 रुपए कर दिया जाएगा। दोपहिया वाहनों के लिए 5 की जगह 10 रुपए, तिपहिया वाहनों के लिए 5 की जगह 10 रुपए और चौपहिया के लिए 10 रुपए शुल्क लिया जाएगा। बस और बड़े वाहनों के लिए 40 रुपए शुल्क लिए जाएंगे।

थिएटर का दोगुना किया जाएगा किराया 

न केवल प्रवेश और पार्किंग शुल्क, बल्कि मिनी थिएटर, खुले मंच और व्यावसायिक प्रदर्शनियों के रेट को भी दोगुना कर दिया जाएगा। इस हिसाब से अब मिनी थियेटर का किराया 2 हजार रुपए लिया जाएगा। पहले यह एक हजार रुपए था। पहले ओपन थिएटर के लिए सुबह 10 से रात 9 बजे तक 1,000 रुपए शुल्क लिए जाते थे, अब नए प्रस्ताव के अनुसार 2,000 रुपए लिए जाएंगे। हॉल की आर्ट गैलरी के व्यावसायिक प्रदर्शन के लिए अब 4 हजार रुपए देने होंगे। पहले 2 हजार रुपए किराया था। 

कब सुधरेगी स्मारक की स्थिति?

महानगरपालिका प्रशासन ने पिछले साल फालके स्मारक क्षेत्र में कुछ जीर्णोद्धार कार्य किए हैं, लेकिन संबंधित विभाग द्वारा जगह की साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे स्मारक की स्थिति कब सुधरेगी, इस पर प्रश्नचिह्न लगा हुआ है।