Chinese corona vaccine safe and effective for human testing: study
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    सिन्नर : ग्रामीण उप जिला अस्पताल (Hospital) में विगत कुछ दिनों से छोटे बालकों के लिए आवश्यक विभिन्न टीके (Various Vaccines) कि किल्लत (Shortage) महसूस हो रही है। इससे अभिभावकों को मानसिक प्रताड़ना उठानी पड़ रही है। दूसरी ओर अस्पताल के कर्मी नागरिकों को गोल मोल जवाब दे रहे है। टीके की उपलब्धता को लेकर अस्पताल प्रशासन के पास से कोई जवाब नहीं मिल रहा है। परिणामस्वरूप अभिभावक नवजात शिशुओं (Newborn Babies ) को लेकर आसपास के इलाकों में भटकने पर मजबूर हो रहे है। 

    बालकों के लिए निर्धारित समय में विभिन्न प्रकार के टीके उपलब्ध कराना जरूरी होता है, जिसे ध्यान में रखकर अभिभावक बच्चों को लेकर सरकारी अस्पताल में पहुंच रहे है, लेकिन उन्हें निराश होकर लौटना पड़ रहा है। इसमें से कुछ टीके के लिए निजी अस्पताल में पहुंच रहे है, जिनके पास संबंधित अस्पताल प्रशासन करीब पांच हजार रुपए के आसपास की रकम वसूल रहे है, जिसे लेकर नागरिकों में व्यापक नाराजगी देखने को मिल रही है। नागरिकों ने सरकारी अस्पताल में तत्काल बालकों के लिए आवश्यक टीके उपलब्ध कराने की मांग की जा रही है। 

    टीका न मिलने पर खतरा

    बालक का जन्म होने के बाद उसे तुरंत बीसीजी का टीका दिया जाता है। यह टीका क्षयरोग के मेंदूज्वर जैसे संक्रमण को रोकता है। साथ डेढ़, ढाई और साढ़े तीन महीने के बालकों को घटसर्प, डांग्या खांसी, धनुर्वात से बचाने के लिए ट्रिपल नामक टीका लगाया जाता है। इसके साथ गोवर, हिपेटायतिस ए, पोलिओ, एमएमआर जैसे टीके महत्वपूर्ण होते है, लेकिन दुर्भाग्य से सरकारी अस्पताल में यह टीके नहीं मिल रहे है। इसका खामियाजा नवजात शिशु और अभिभावकों को उठाना पड़ रहा है। 

    जल्द मिलेगा टीका 

    नगर परिषद ने अपना अस्पताल बंद करने का निर्णय किया है, लेकिन यहां पर जो सुविधा मिल रही थी। वह ग्रामीण अस्पताल में नहीं मिलने से अभिभावक नाराज है। छोटे बालकों के लिए आवश्यक टीके उपलब्ध हुए है। प्रत्येक सप्ताह में ग्रामीण अस्पताल में छोटे बालकों के लिए टीके उपलब्ध कराने की जानकारी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. चेतन ठोंबरे ने दी। 

    संसाधनों की कमी

    नगर परिषद के निर्णय के कारण गड़बडी हुई है, क्योंकि उन्होंने अपना अस्पताल अचानक बंद कर दिया। इसलिए हमे तैयारी करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला। अब टीके उपलब्ध हुए है, लेकिन उन्हें रखने के लिए उपजिला अस्पताल में डीप फ्रीझर और आईस लाईन रेफ्रिजरेटर उपलब्ध नहीं है। इसलिए उसे नगर परिषद के पुराने अस्पताल स्थित रेफ्रिजरेटर में रखा जाता है। रेफ्रिजरेटर के लिए जिला स्वास्थ्य अधिकारी के पास प्रयास किया जा रहा है। -(डॉ. चेतन ठोंबरे, अधीक्षक, उप जिला अस्पताल)।