NCP leader Nawab Malik raised questions on Anil Deshmukh's arrest, said - Arrest is politically motivated, its purpose is to defame Maharashtra government
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    मुंबई: 100 करोड़ रुपये की वसूली के आरोपों से घिरे महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को ईडी (ED) ने देर रात गिरफ्तार (Arrest) कर लिया है। देशमुख को ईडी ने करीब 12 घंटों की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है। उन्हें एजेंसी आज रिमांड के लिए कोर्ट में पेश करेगी। वहीं पूर्व मंत्री की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र में राजनीति एक बार फिर से गरमा गई है। एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक (NCP Leader Nawab Malik) ने देशमुख की गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है।

    मलिक ने कहा, “देशमुख की गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है, इसका मकसद महाराष्ट्र में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन को बदनाम करना है।” बता दें कि, कई बार ईडी के समन जारी करने के बाद भी एजेंसी के सामने अनिल देशमुख पेश नहीं हुए थे। समन के खिलाफ देशमुख ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था। कोर्ट ने देशमुख को राहत नहीं दी थी जिसके बाद वह सोमवार को एजेंसी के सामने पेश हुए थे। अपनी पेशी से पहले देशमुख ने उनपर वसूली जैसे गंभीर आरोप लगाने वाले मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा था कि, उनपर आरोप लगने वाले परमबीर सिंह कहां हैं?   

    बताया जा रहा है कि, मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को 12 घंटे से अधिक समय तक चली पूछताछ के बाद देर रात गिरफ्तार कर लिया। धन शोधन का यह मामला महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में कथित वसूली गिरोह से जुड़ा है। अधिकारियों ने बताया कि देशमुख (71) को धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता देशमुख पूछताछ के दौरान सवालों के जवाब देने से बचते रहे।

    उन्होंने बताया कि एजेंसी देशमुख को मंगलवार को यहां एक स्थानीय अदालत में पेश कर उन्हें हिरासत में दिए जाने का अनुरोध करेगी। सूत्रों ने बताया कि राकांपा नेता अपने वकील और सहयोगियों के साथ सुबह करीब 11 बजकर 40 मिनट पर दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट इलाके में स्थित एजेंसी के कार्यालय में आए। कार्यालय में पहुंचने के तुरंत बाद उनसे पूछताछ का दौर शुरू हो गया। देशमुख इस मामले में ईडी द्वारा जारी किए गए कम से कम पांच सम्मनों पर पेश नहीं हुए थे, लेकिन उच्च न्यायालय के गत सप्ताह इन सम्मनों को रद्द करने से इनकार करने के बाद वह एजेंसी के समक्ष पेश हुए।

    संघीय जांच एजेंसी ने महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में 100 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत एवं वसूली मामले में की जा रही आपराधिक जांच के संबंध में धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत राकांपा नेता के बयान दर्ज किए। वसूली के आरोपों के कारण देशमुख को अप्रैल में इस्तीफा देना पड़ा था। पूछताछ ओर बयान दर्ज कराने के सत्र काफी लंबे चले क्योंकि अधिकारियों ने बताया कि देशमुख इस मामले में ‘‘अहम व्यक्ति” हैं और उनसे मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे द्वारा किए गए खुलासों समेत मामले में कई बिंदुओं पर पूछताछ करने की आवश्यकता है।

    देशमुख ने ईडी कार्यालय जाने से पहले एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि वह गत सप्ताह बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद खुद एजेंसी के समक्ष पेश हो रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मीडिया में कहा गया कि मैं ईडी के साथ सहयोग नहीं कर रहा हूं…मुझे सम्मन भेजे जाने के बाद मैं दो बार सीबीआई के समक्ष पेश हुआ…उच्चतम न्यायालय में मेरी याचिका लंबित है लेकिन इसमें समय लगेगा। अत: मैं खुद ईडी के पास जा रहा हूं। ईडी ने जब जून में छापा मारा था तो मैंने और मेरे परिवार ने उसके साथ सहयोग किया था।”

    (एजेंसी इनपुट्स के साथ)