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मुंबई: एनसीपी नेता अजित पवार ने अपने चाचा का साथ छोड़ते हुए शिंद नीत राज्य सरकार में रविवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद  एनसीपी में भूचाल आ गया है। अजित समेत 8 विधायकों के शिंदे सरकार में मंत्री पद के शपथ लेने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस ने राज्य सर्कार में शामिल हुए 9  विधायकों को अयोग्य घोषित करने का प्रस्ताव पास कर दिया है। राकांपा ने अजित पवार और 8 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही शुरू करने के लिए राज्य अनुशासन समिति के प्रस्ताव के संबंध में पत्र भी भेजा।

 प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को एनसीपी से हटाया 

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने सोमवार को पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और लोकसभा सदस्य सुनील तटकरे को ‘पार्टी विरोधी’ गतिविधियों के चलते निष्कासित कर दिया। दोनों ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार का बगावत में साथ दिया था। शरद पवार ने कहा कि मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल के नाम एनसीपी पार्टी के सदस्यों के रजिस्टर से हटाने का आदेश देता हूं।

पवार ने यह कदम अजित पवार के एकनाथ शिंदे- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में बतौर उपमुख्यमंत्री शामिल होने के बाद उठाया है। अजित पवार के साथ आठ अन्य विधायकों ने भी रविवार को मंत्री पद की शपथ ली थी, जिनमें तटकरे की बेटी अदिति भी शामिल है। 

सुप्रिया सुले ने की कार्रवाई की सिफारिश

इससे पहले एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद सुप्रिया सुले ने पार्टी प्रमुख शरद पवार को लिखे पत्र में सांसद प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है।

अजित पवार समेत 8 विधायकों ने ली मंत्रिपद क शपथ 

गौरतलब है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र सरकार में रविवार को उपमुख्यमंत्री पद की, जबकि पार्टी के आठ अन्य नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली थी। इसे राकांपा के संस्थापक शरद पवार के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है।