नागपुर: महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र (Maharashtra Legislature Winter Session 2023) की शुरुआत की पूर्व संध्या पर विपक्षी दलों ने बुधवार को यहां पारंपरिक चाय पार्टी का बहिष्कार किया और आरोप लगाया कि सरकार कृषि संकट, दंगों और मादक पदार्थ तस्करी से निपटने में विफल रही है। नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार (Vijay Wadettiwar) ने सरकार पर निशाना साधने के लिए राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के नवीनतम आंकड़ों का हवाला दिया।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमें चाय पार्टी के लिए राज्य सरकार का निमंत्रण मिला, लेकिन हमें लगता है कि इसमें शामिल होना अनुचित होगा। हमने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है।” परंपरा के अनुसार, राज्य विधानमंडल का शीतकालीन सत्र हर साल महाराष्ट्र की दूसरी राजधानी नागपुर में आयोजित किया जाता है।
सरकारच्या चहापान कार्यक्रमास उपस्थित राहणे, हा संकटात होरपळत असलेल्या शेतकऱ्याप्रती द्रोह ठरेल.
अधिवेशनात शेतकऱ्यांसाठी संपूर्ण कर्जमाफीची मागणी करणार.
महाविकास आघाडीची पत्रकार परिषद.
राज्यावर दुष्काळ, पाणीटंचाई व अवकाळीचे संकट उभे ठाकले असून शेतकऱ्यांच्या डोळयात अश्रु आहेत.… pic.twitter.com/VCmv0SMr5M
— Vijay Wadettiwar (@VijayWadettiwar) December 6, 2023
एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए, वडेट्टीवार ने दावा किया कि कृषि संकट और कर्ज के कारण महाराष्ट्र में 22,746 किसानों ने आत्महत्या की है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार महाराष्ट्र में कृषि संकट का समाधान करने में विफल रही है। राज्य में बड़े पैमाने पर मादक पदार्थ तस्करी पर कोई अंकुश नहीं है। एनसीआरबी के आंकड़े यह भी बताते हैं कि राज्य में (2022 में) दंगों के 8,218 मामले दर्ज किए गए थे। ऐसे माहौल में, क्या हमारे राज्य में नया निवेश आएगा?” कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने पिछले साल फसल खराब होने से नुकसान झेलने वाले प्रत्येक किसान को 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता भी नहीं दी है।
उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह इस सरकार ने 40 तहसीलों में सूखे की घोषणा की, इससे संदेह पैदा होता है कि यह कदम राजनीति से प्रेरित है। ऐसा प्रतीत होता है कि इन तहसीलों का चयन कुछ राजनेताओं को ध्यान में रखकर किया गया है।”
इससे पहले दिन में, विपक्षी दलों ने शीतकालीन सत्र के एजेंडे पर चर्चा करने के लिए नागपुर में एक बैठक की। सत्र के दौरान अगले 10 दिनों में मराठा आरक्षण की मांग और फसल के नुकसान जैसे मुद्दे हावी होने की संभावना है। इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और वडेट्टीवार (दोनों कांग्रेस), विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे (शिवसेना यूबीटी) और राकांपा (शरद पवार गुट) के नेता जयंत पाटिल और अनिल देशमुख शामिल हुए। (एजेंसी)