Rebel MLA Deepak Kesarkar said - we will tell the real Shiv Sena, the Election Commission, we will agree

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    मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना विधायकों के बागी खेमे के एक प्रमुख सदस्य ने दावा किया है कि पार्टी में पहले हुई बगावतों के पीछे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार थे और इससे पार्टी संस्थापक बाल ठाकरे आहत थे। शिवसेना विधायक और इसके बागी खेमे के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने सवाल किया कि पवार को बाल ठाकरे को पीड़ा पहुंचाकर क्या मिला। उन्होंने बुधवार को नयी दिल्ली में कहा, ‘‘यह सत्य है कि जब भी शिवसेना में बगावत हुई, पवार साहब की उसमें भूमिका रही।”

    एक समय राकांपा में रहे केसरकर ने कहा, ‘‘उन्होंने (पवार ने) बगावत क्यों कराई, जिससे बालासाहेब को दुख हुआ?” मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना विधायकों के एक धड़े द्वारा पिछले महीने विद्रोह किये जाने से पहले भी 56 साल पुरानी पार्टी में बगावत देखी गयी थी और छगन भुजबल, नारायण राणे तथा उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई राज ठाकरे जैसे नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी। एक समय शिवसेना के तेजतर्रार नेता माने जाने वाले भुजबल 1991 में पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गये। बाद में जब पवार ने राकांपा का गठन किया तो वह 1999 में कांग्रेस छोड़कर उसमें शामिल हो गये। इस समय भारतीय जनता पार्टी के सदस्य राणे ने 2005 में शिवसेना छोड़ दी थी। वह शिवसेना से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी रहे थे।

    केसरकर ने कहा, ‘‘ये चीजें उजागर नहीं की जातीं। मैं इसका गवाह था। पवार साहब ने मुझे विश्वास में लेकर यह कहा था कि ‘मैंने शिवसेना छोड़ने में राणे की मदद की, लेकिन मैंने ऐसी कोई शर्त नहीं रखी उन्हें किस पार्टी में शामिल होना चाहिए।’ इसका मतलब है कि राणे को जैसी जरूरत थी, उन्होंने मदद की। उन्होंने भुजबल को अपने साथ लिया।”

    राज ठाकरे ने 2006 में शिवसेना छोड़कर उसे एक और झटका दिया और अपनी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना बना ली थी। राणे और राज ठाकरे ने पार्टी छोड़ने के अपने फैसले के लिए उद्धव ठाकरे को जिम्मेदार ठहराया था। केसरकर ने कहा, ‘‘और आपको पता ही है, राज साहब के साथ उनका आशीर्वाद हमेशा रहा है क्योंकि वह उनका (पवार का) बहुत सम्मान करते हैं।”(एजेंसी)