Maratha reservation

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नई दिल्ली. जहां एक तरफ महाराष्ट्र मंत्रिमंडल (Maharashtra Cabinet) ने बीते बुधवार को बताया था कि, मराठवाड़ा क्षेत्र के उन मराठा को कुनबी जाति प्रमाणपत्र (Kunbi Caste Certificate) जारी किए जाएंगे जिनके पास निजाम शासनकाल के ऐसे राजस्व या शिक्षा दस्तावेज हैं, जो उन्हें कुनबी के रूप में पहचान दिलाते हैं। इस बाबत मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने खुद जानकारी दी थी।

शिंदे सरकार का ऐलान 

वहीं अब मराठा-कुनबी, कुनबी-मराठा का जाति प्रमाणपत्र देने के लिए जरुरी कार्य पद्धति तय करने समिति गठित करने बीते गुरुवार को ही शासनादेश जारी हो चूका  है। हालांकि इस बाबत जालना के अंबड तहसील के अंतरवाली सराटी गांव में अनशन पर बैठे मनोज जरांगे पाटील ने शिंदे सरकार के इस शासनादेश को बिल्कुल स्वीकार नहीं किया है। साथ ही इससे उलट उन्होंने सरकार से वंशावली के दस्तावेज दिखाने की शर्त में ढील देने के लिए शासनादेश में संशोधन करने की मांग कर दी है। फिलहाल जरांगे-पाटील का अनशन भी जारी है।

आरक्षण पर क्या बोले भागवत 

हालांकि वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार 6 सितंबर को कहा कि हमारे समाज में आज भी भेदभाव मौजूद है। जब तक ये असमानता बनी रहेगी, तब तक आरक्षण भी जारी रहना चाहिए। हम संविधान में दिए गए आरक्षण को पूरा समर्थन देते हैं।

कांग्रेस सत्ता में आती है तो…

इधर कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने बीते गुरुवार को कहा था कि यदि उनकी पार्टी आगामी चुनावों में राज्य और केंद्र की सत्ता में आती है, तो वह कोटा पर 50% की सीमा बढ़ाकर मराठा समुदाय को आरक्षण प्रदान करेगी।  पटोले ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे का स्थायी समाधान प्रदान करने के लिए जाति आधारित जनगणना ही एकमात्र विकल्प है।  इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि BJP जाति आधारित जनगणना के खिलाफ है और वे कभी आरक्षण नहीं दे पाएंगे।  उन्होंने कहा कि पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार सभी पिछड़ी जातियों के लोगों को भी मुख्यधारा में लाएगी। 

जारांगे पाटिल कभी थे कांग्रेसी 

जानकारी दें कि, मराठा आंदोलन खड़ा करने वाले मनोज जारांगे पाटिल ने कभी कांग्रेस पार्टी के लिए काम किया है, लेकिन राजनीतिक माहौल में यह पनप नहीं सका। फिर उन्होंने शिवबा संस्था की स्थापना की।  इसके बाद संगठन का काम तेजी से हुआ।  कोपर्डी अत्याचार मामले में आरोपी पर हमला हुआ था।  उस वक्त उनकी शिवबा संस्था पर भी गंभीर आरोप लगे थे।