23 गांवों के कारण पुणे जिला परिषद को 100 करोड़ रुपए का हुआ नुकसान, पढ़ें डिटेल्स

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पुणे: शहर से सटे 23 गांवों को पुणे महानगरपालिका (Pune Municipal Corporation) में शामिल करने का परिणाम लगातार दूसरे वर्ष पुणे जिला परिषद (Pune Zila Parishad) के बजट पर हुआ है। शामिल किए गए गांवों में प्रॉपर्टी की खरीद बिक्री से मिलने वाले स्टाम्प ड्यूटी सब्सिडी (Stamp Duty Subsidy) कम होने से पिछले दो वर्षों में कुल मिलाकर पुणे जिला परिषद के बजट का कुल 99 करोड़ 56 लाख 36 हजार रुपए का नुकसान हुआ है। इसका ही परिणाम है कि दो वर्ष पूर्व जिस जिला परिषद का बजट 304 करोड़ रुपए का था, वह 204 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है।

जिला परिषद के सीईओ आयुष प्रसाद ने पुणे जिला परिषद के वर्ष 2022-23 का संशोधित बजट और वर्ष 2023-24 के आगामी वित्त वर्ष का 204 करोड़ 7 लाख रुपए का बजट पेश किया गया है। फिलहाल पुणे जिला परिषद पर प्रशासक राज होने की वजह से लगातार दूसरे वर्ष प्रशासक के तौर पर सीईओ ने यह बजट पेश किया।

2022-23 के बजट में 73 करोड़ की कमी

वर्ष 2021-22 के वित्त वर्ष का जिला परिषद का मूल बजट 303 करोड़ 63 लाख 36 हजार रुपए का था। इसके बाद करीब दस महीने में जिला परिषद का कार्यक्षेत्र के 23 गांव पुणे महानगरपालिका में शामिल हो गए। ये गांव शहर से सटे होने की वजह से इन गांवों से स्टाम्प ड्यूटी की सब्सिडी बड़ी मात्रा में मिलती थी। इसका परिणाम यह हुआ कि वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में 73 करोड़ 50 लाख रुपए की कमी हुई थी। इस वजह से चालू वित्त वर्ष का बजट 230 करोड़ 62 लाख 86 हजार रुपए का पेश किया गया था। इसमें आगामी वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में मौजूदा वित्त वर्ष की तुलना में और 26 लाख 55 हजार 86 हजार रुपए की कमी हो गई। इस मौके पर अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंद्रकांत वाघमारे, ग्रामीण विकास विभाग के प्रोजेक्ट संचालक शालिनी कडू धोटे, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रभारी उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल कालभोर आदि के साथ सभी विभाग प्रमुख उपस्थित थे।

प्रमुख विभागों के लिए प्रस्तावति प्रावधान (रुपए में)

  •  ग्राम पंचायत: 20 करोड़ 76 लाख
  • शिक्षा: 10 करोड़ 72 लाख 10 हजार
  • निर्माण कार्य (उत्तर और दक्षिण को मिलाकर ): 28 करोड़ 3 लाख 60 हजार
  • छोटे जल सिंचाई: 4 करोड़ 84 लाख
  • स्वास्थ्य: 11 करोड़ 73 लाख
  • कृषि: 3 करोड़ 32 लाख
  • पशु संवर्धन: 1 करोड़ 34 लाख
  • सामाजिक न्याय : 23 करोड़
  • महिला व बालकल्याण: 8 करोड़ 50 लाख

लगातार तीसरा बजट

जिला परिषद में पिछले दो वर्ष से लगातार जमा का बजट पेश किया जा रहा था। इसमें आगामी वित्त वर्ष का बजट जमा का ही है। इस वजह से जिला परिषद का लगातार तीन वित्त वर्ष के लिए यह जमा का बजट पेश करना पड़ रहा है। आगामी वित्त वर्ष का बजट 204 करोड़ 7 लाख रुप का है। इसमें पहले का बचा केवल 2 करोड़ 7 लाख है। इस वजह से कुल बजट में से 202 करोड़ रुपए जमा का माना गया है।

पुणे जिला परिषद का आगामी वित्त वर्ष के बजट में संस्थात्मक सशक्तिकरण और आर्थिक एकजुटता पर जोर दिया गया है। इस वजह से पुणे जिला परिषद के अधिकार क्षेत्र में आने वाले विभिन्न संस्थाओं के सशक्तिकरण और समक्षीकरण होगा। साथ ही आर्थिक एकजुटता से खर्च में भारी बचत भी होगी।

-आयुष प्रसाद, प्रशासक, जिला परिषद, पुणे