पुणे: इस मानसून (Monsoon) में पुणे शहर (Pune City) के साथ पूरे जिले में मूसलाधार बारिश हुई है। इसके कारण जिले के कुछ स्थानों पर बाढ़ (Flood) के हालात पैदा हो गए थे। जिसके कारण कृषि और फलबागों को नुकसान हुआ। इससे प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार की ओर से 3 करोड़ 18 लाख रुपए की निधि प्राप्त हुई है। जून से अगस्त तक पुणे जिले में भारी बारिश और बाढ़ के कारण 9 हजार 192 किसानों की 2 हजार 247 हेक्टेयर भूमि की फसलें प्रभावित हुई हैं।
जिला प्रशासन ने राज्य सरकार से 5 करोड़ 28 लाख रुपए की राशि की मांग की थी। इसमें फसलों के मुआवजे के लिए 3 करोड़ 18 लाख रुपए, कृषि भूमि के नुकसान के लिए 15 लाख रुपए, मरे हुए पशुओं के लिए 74 लाख, पूरी तरह नष्ट, ढहे मिट्टी और कंक्रीट के घर, झोपड़ियां और जानवरों के निवास के लिए 1 करोड़ 20 लाख रुपए ऐसे कुल मिला कर 5 करोड़ 28 लाख रुपए की मांग की थी। जिसमें से 3 करोड़ 18 लाख रुपए की धनराशि प्राप्त हो चुकी है। इसे स्थानीय स्तर पर वितरित किया जा रहा है, ऐसा जिला प्रशासन ने कहा।
तीन साल से 29 करोड़ 52 लाख की राशि लटकी हुई
भारी बारिश, चक्रवात और बाढ़ जैसे विभिन्न कारणों से पुणे जिले के प्रभावित लोगों को मुआवजा देने के लिए राज्य सरकार से राशि को मंजूरी मिली है। हालांकि यह राशि सरकारी खजाने में अभी तक नहीं आई है। पिछले तीन साल से 29 करोड़ 52 लाख 47 हजार 15 रुपये लालफीताशाही में फंसी हुई है। फंसे हुए फंड में 25 सितंबर, 2019 को शहर में बादल फटने जैसी बारिश, कुदरती चक्रवात से हुई क्षति, जनवरी-फरवरी 2021 में फसल क्षति, तौके चक्रवात, अक्टूबर 2021 में भारी बारिश और दिसंबर 2021 में बेमौसम बारिश के कारण हुए नुकसान की भरपाई शामिल है, ऐसा जिला प्रशासन द्वारा बताया गया।