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    पिंपरी: बड़ी हाउसिंग सोसाइटियों का गीला कूड़ा संग्रहण (Wet Waste Collection) 2 अक्टूबर से बंद करने के पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका (PCMC) के ऐलान के बाद प्रशासन और सोसाइटी फेडरेशन (Society Federation) आमने-सामने की स्थिति में आ गए हैं। बड़ी हाउसिंग सोसायटियों से गीला कूड़ा इकट्ठा करने के लिए प्रशासन लगातार इनकार करता रहा। इस पर सोसाइटी फेडरेशन, गैर सरकारी संगठनों और संगठनों ने पुरजोर विरोध किया। यहां तक कि महानगरपालिका द्वार पर कूड़ा लाकर फेंकने की चेतावनी दी गई। फेडरेशन के आक्रामक रुख को देखते हुए अंतत: पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका प्रशासन के तेवर नरम पड़े और कूड़ा उठाना बंद करने की आखिरी मियाद 31 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। इससे सोसाइटियों को राहत मिली है।

    शहर की बड़ी सोसायटियों जिनमें रोजाना 100 किलो गीला कचरा पैदा होता है, को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम के तहत नगरपालिका प्रशासन द्वारा उनके कचरे को छांटने और गीले अपशिष्ट सोसाइटियों में निपटाने के लिए एक पत्रक जारी किया गया था। महानगरपालिका प्रशासन ने फतवा जारी किया कि 2 अक्टूबर से यह कचरा नहीं उठाया जाएगा। म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड हैंडलिंग एक्ट 2016 के अनुसार, प्रतिदिन 100 किलो कचरा पैदा करने वाले घरों या अन्य प्रतिष्ठानों को अपने प्रतिष्ठान में उत्पन्न गीले कचरे (बायोडिग्रेडेबल) कचरे का निपटान करना जरूरी है। 2 अक्टूबर तक अपने स्वयं के परिसर में खाद, बायोमेथेनाइजेशन या अन्य तकनीकों का निर्माण अनिवार्य है। महानगरपालिका स्वास्थ्य विभाग ने फैसला किया था कि पहली बार में 5,000 रुपए और उसके बाद हर बार 15,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।

    लोगों की चेतावनी के बाद रुख हुआ नरम

    इस पर चिखली-मोशी-पिंपरी चिंचवड़ हाउसिंग सोसाइटी फेडरेशन ने आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए चेतावनी दी कि अगर गीला कचरा प्रशासन मनमाने ढंग से कूड़ा नहीं उठाता है तो कूड़ा महानगरपालिका परिसर में ही फेंक दिया जाएगा। इस चेतावनी के बाद बीजेपी के शहर अध्यक्ष और विधायक महेश लांडगे ने प्रशासन और सोसाइटी फेडरेशन के बीच मध्यस्थता के जरिए समाधान निकालने का सुझाव दिया। तदनुसार, महानगरपालिका स्वास्थ्य विभाग के उपायुक्त अजय चारठाणकर और हाउसिंग सोसाइटी फेडरेशन के पदाधिकारियों की 28 सितंबर को बैठक हुई। इस अवसर पर पूर्व महापौर नितिन कालजे, पूर्व महापौर राहुल जाधव, सचिन तापकीर, फेडरेशन के सचिव प्रकाश जुकंटवार, संगठक संजय गोरड, अमोल बांगर और विभिन्न सोसायटियों के अध्यक्ष-प्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक में, हाउसिंग फेडरेशन द्वारा विस्तार के लिए लिए गए स्टैंड को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया गया।

    पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका प्रशासन ने सोसायटी फेडरेशन को विश्वास में लिए बिना लिए गए फैसले को समय विस्तार दिया गया है। पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका कमिश्नर और प्रशासक शेखर सिंह और भोसरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक महेश लांडगे ने मध्यस्थता की और इस मुद्दे को सुलझाने में मदद की। ऐसे में शहर के नागरिकों को राहत मिली है। हालांकि, हाउसिंग सोसाइटियों की समस्याओं और बिल्डरों की गलतियों को समझकर एक स्थायी समाधान निकाला जाना चाहिए। इसके लिए प्रशासन, जनप्रतिनिधि बाध्य हैं।

    - संजीवन सांगले, अध्यक्ष, चिखली-मोशी-पिंपरी चिंचवड हाउसिंग सोसाइटी फेडरेशन

    शहर के विभिन्न संगठनों, हाउसिंग सोसाइटी फेडरेशनों, हाउसिंग सोसायटियों के प्रतिनिधियों ने ज्ञापन और आमने-सामने बैठकों के माध्यम से इस फैसले के कार्यान्वयन के लिए समय सीमा की मांग की है क्योंकि गीले कचरे को संसाधित करने के लिए पर्याप्त समय नहीं है। इसके लिए महानगरपालिका कमिश्नर द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार उक्त प्रतिष्ठानों को अपने परिसरों में गीले कचरे के कंपोस्टिंग और निस्तारण के उपाय करने के लिए 31 अक्टूबर की समय सीमा दी गई है।

    -अजय चारठाणकर, उपायुक्त, पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका