- एनसीपी में फूट के बाद परिवार की पहली मुलाक़ात
पुणे/दिल्ली: डेंगू से पीड़ित होने की बात कह कर पिछले कई दिनों से लाइम लाइट से दूर रहने वाले डिप्टी सीएम अजित पवार (Ajit Pawar) शुक्रवार को अचानक सक्रिय हो गए। उन्होंने अपने चाचा शरद पवार (Sharad Pawar) के साथ न सिर्फ मुलाकात की, बल्कि साथ में दोपहर का लंच भी किया। इस मौके पर एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले भी मौजूद रहीं। चाचा-भतीजे की ये मुलाकात प्रतापराव पवार (शरद पवार के छोटे भाई) के घर पर हुई। पिछले कई वर्षों से दिवाली पर पूरा पवार परिवार एक साथ दिखाई देता रहा है। ऐसे में अजित ने अपनी राह अलग चुनने के बाद भी परिवार की इस परंपरा को कायम रखा है। एनसीपी में टूटफूट के बाद पवार परिवार की यह पहली मुलाक़ात है। इस मुलाकात के बाद अजित निजी विमान से दिल्ली (Delhi) के लिए रवाना हो गए। वहां डिप्टी सीएम ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाक़ात (Meeting) की है। सूत्रों के मुताबिक छोटे पवार ने मौजूदा राजनीतिक हालात को लेकर शाह से अहम चर्चा की है। दिवाली के ठीक पहले यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब सीएम एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की सुनवाई चल रही है। वहीं राज्य में मराठा बनाम ओबीसी आरक्षण का मुद्दा गरमाता जा रहा है। कैबिनेट विस्तार का मामला भी काफी महीनों से लटका हुआ है।
यह व्यक्तिगत मुलाकात थी
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से जब अजित पवार के साथ हुई मुलाकात के बारे में पूछा गया तो उन्होंने हंसते हुए कहा कि यह एक व्यक्तिगत मुलाकात थी। इसके सियासी मायने नहीं निकाले जाने चाहिए। दिलचस्प बात यह है कि गुरुवार को केंद्रीय चुनाव आयोग में हुई सुनवाई के दौरान शरद पवार और अजित पवार आमने-सामने थे। शरद पवार गुट के सीनियर अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अजित गुट पर फ़र्जी शपथ पत्र दाखिल करने का आरोप लगाया है। इस लड़ाई के बावजूद निजी तौर पर चाचा-भतीजे के मुलाकात के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। क्या इन दोनों नेतओं के बीच भविष्य की राजनीति को लेकर कोई बड़ी डील हुई है। इसका खुलासा आने वाले दिनों में हो सकता है।
बालाजी के शरण में सीएम
डिप्टी सीएम अजीत पवार ने जहां दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री शाह से मुलाक़ात की है। वहीं सीएम एकनाथ शिंदे ने अपने परिवार के साथ तिरुपति बालाजी के दर्शन किए। इस मौके पर उनके साथ कई साथी नेता भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री के सामने सबसे बड़ी चुनौती उनके खिलाफ अपात्रता की चल रही सुनवाई से बाहर निकलना है। इस बारे में फैसला लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को 31 दिसंबर का समय दिया है। साथ ही मराठा आरक्षण पर फैसला लेने के लिए मनोज जरांगे पाटिल ने 24 दिसंबर की डेडलाइन दी है।
फडणवीस एमपी के चुनाव प्रचार में व्यस्त
इन तमाम गतिविधियों से दूर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस शुक्रवार को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी बीजेपी का प्रचार करने में व्यस्त रहें। बुरहानपुर में देवेन्द्र फडणवीस ने भाजपा प्रत्याशी के लिए प्रचार करते हुए कहा कि जिन लोगों को अपने बच्चे के भविष्य की चिंता होगी, वह बीजेपी को वोट देगा। हालांकि वहां चुनाव प्रचार करते हुए भी फडणवीस मुंबई से दिल्ली तक चल रहे राजनीतिक गतिविधियों पर अपनी नज़र बनाए हुए हैं।