Despite the ban, fireworks were fierce in the district

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    पिंपरी: कोरोना महामारी के दो साल बाद हर जगह दिवाली ( Diwali) धूमधाम से मनाई गई। पटाखों की आवाज से आसमान भी गूंज उठा, लेकिन ये आतिशबाजी (Fireworks) कई लोगों के कानों को परेशान करती रही। ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) और वायु प्रदूषण (Air Pollution) से बचने की अपील के बावजूद, पिंपरी-चिंचवड (Pimpri-Chinchwad) की उद्योगनगरी में पिछले साल की तुलना में अधिक जोर से पटाखे चलाए गए। दिलचस्प बात यह है कि चिंचवड के चापेकर चौक में लक्ष्मी पूजा के दिन पटाखों का ‘शोर’ और बढ़ गया। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस क्षेत्र में 85.6 डेसिबल रिकॉर्ड किया है। वहीं दूसरे दिन यानी पड़वा के दिन थेरगांव डांगे चौक पर 81.2 डेसिबल आवाज रिकॉर्ड हुआ।

    महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा हर साल दीवाली पर पिंपरी-चिंचवड शहर के विभिन्न क्षेत्रों में शोर और हवा का स्तर दर्ज किया जाता है। इस साल बोर्ड ने पिंपरी के डीलक्स चौक, चिंचवड के चापेकर चौक और थेरगांव के डांगे चौक पर तीन दिनों तक पटाखों की आवाज रिकॉर्ड की। चूंकि लक्ष्मी पूजा पर सबसे ज्यादा पटाखे जलाए जाते हैं, इस दिन कितने पटाखे उड़ते हैं, इस पर अधिकारियों ने विशेष ध्यान दिया क्योंकि इस साल कोरोना के दो साल बाद चहुंओर दीवाली की धूमधाम अधिक रही। इस साल भी लक्ष्मीपूजन पर पटाखों का चलन बढ़ा है।

    ध्वनि प्रदूषण में हुआ काफी इजाफा

    MPCB के अधिकारियों ने राय व्यक्त की है कि इस साल पटाखों का शोर औसत ध्वनि प्रदूषण का स्तर अधिक रहा है। कई इलाकों में शोर काफी हद तक बढ़ गया था क्योंकि कई लोगों ने सुतली बम, फैंसी रॉकेट, फूल, एक हजार, दो हजार, पांच हजार लड़ियों की माला जमकर लगाई। बोर्ड द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से स्पष्ट है कि पटाखों से होने वाले प्रदूषण के प्रति लगातार जागरूकता के बावजूद ध्वनि प्रदूषण में वृद्धि हुई है।

    इतने डेसिबल दर्ज हुआ ध्वनि स्तर 

    ध्वनि प्रदूषण अधिनियम के अनुसार, रिहायशी इलाकों में रात 10 बजे से पहले 55 डेसिबल और रात 10 बजे के बाद 45 डेसिबल से ऊपर के शोर की अनुमति नहीं हैं। औद्योगिक क्षेत्र में दिन में 65 डेसिबल से अधिक और रात 10 बजे के बाद 55 डेसिबल से अधिक ध्वनि स्तर प्रतिबंधित है। हालांकि हर साल की तरह इस साल भी दिवाली पर आतिशबाजी के कारण यह सीमा पार हो गई। पिछले साल लक्ष्मी पूजा के दिन पिंपरी में ध्वनि का स्तर 78.6 डेसीबल तक पहुंच गया था। इस साल यह स्तर 84.6 डेसिबल दर्ज किया गया। इस साल थेरगांव डांगे चौक में 83.6 डेसिबल दर्ज हुआ। दिवाली पड़वा के दिन पिंपरी-डीलक्स चौक पर 79.4 डेसिबल रिकॉर्ड किया गया। चिंचवड़ चापेकर चौक में 78.1 डेसिबल, जबकि थेरगांव डांगे चौक में 81.2 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण दर्ज हुआ। लक्ष्मी पूजा की रात करीब 10:30 से 11:30 बजे तक चिंचवड़ इलाके में पटाखों की आवाज 70.1 डेसीबल तक चली गई। पिंपरी में 69.8 आवाजें थीं। थेरगांव डांगे चौक पर यह 68.1 डेसिबल तक था। दिवाली पड़वा की रात पिंपरी इलाके में ध्वनि स्तर 55.4 डेसीबल था। चिंचवड़ क्षेत्र में 63.2 डेसिबल और थेरगांव क्षेत्र में 65.8 डेसिबल रिकॉर्ड किया गया।

    लक्ष्मी पूजा के दिन जिन स्थानों पर शोर रिकॉर्ड किया गया (डेसीबल में) 

    स्थान लक्ष्मी पूजन दिवाली-पड़वा
    पिंपरी- डीलक्स चौक 78.6 79.4
    चिंचवड़ चापेकर चौक 85.6 78.1
    थेरगांव डांगे चौक 83.6 81.2