Bullock cart race
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    पिंपरी: बैलगाड़ी दौड़ (‍Bullock Cart Race) पर पूर्ण प्रतिबंध (Ban) हटाने के संबंध में दायर याचिका पर अंतिम सुनवाई 23 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पांच जजों की विस्तारित बेंच के समक्ष होगी। इसकी प्रारंभिक तैयारियों को लेकर पुणे के विधान भवन में पशु संवर्धन व कल्याण मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ( Minister Radhakrishna Vikhe-Patil) की अध्यक्षता में एक अहम बैठक हुई। इस बैठक में राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में बैलगाड़ी दौड़ की अंतिम सुनवाई की तैयारी के लिए आयुक्त स्तर के एक अधिकारी की नियुक्ति करने का फैसला किया गया। सुनवाई का सारा खर्च पशुपालन विभाग वहन करेगा, यह घोषणा भी विखे पाटिल ने की।

    पुणे में हुई इस बैठक में बैलगाड़ी दौड़ पर लगी रोक हटाने के लिए संघर्षरत विधायक महेश लांडगे, पशुसंवर्धन विभाग के प्रधान सचिव जे.पी. गुप्ता, आयुक्त सचिंद्र प्रताप सिंह, अतिरिक्त आयुक्त धनंजय परकाले, उपायुक्त डॉ. प्रशांत भड, उपायुक्त डॉ. शैलेश केंडे, कुणाल कदम, अखिल भारतीय बैलगाडा संगठन के अध्यक्ष नितीन शेवाले, संदीप बोदगे, रामकृष्ण टाकलकर, धनाजी शिंदे, आनंदराव मोहिते, अनिल लांडगे, महेश शेवकरी, बालासाहेब आरुडे, विजय काले, अजित गायकवाड , संदीप कुंडकर, आनंद वाडेकर, नवनाथ होले, विकास नाईकवाडी, मारुती वाबले आदि उपस्थित थे।

    2014 को लगा था प्रतिबंध

    7 मई 2014 को, सुप्रीम कोर्ट ने बैलगाड़ी दौड़ पर देशव्यापी प्रतिबंध लगाया। फिर अप्रैल 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बैलगाड़ी दौड़ को लेकर कानून बनाया। हालांकि, कुछ दौड़ विरोधियों ने इस कानून को अदालत में चुनौती दी। इससे जुड़ा एक मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट ने 16 दिसंबर 2021 को राज्य में कुछ शर्तों पर बैलगाड़ी दौड़ की अनुमति दी है, जिसके मुताबिक राज्य में हालांकि बैलगाड़ी दौड़ चल रही है, लेकिन अंतिम सुनवाई अभी बाकी है। यह सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट में 23 नवंबर से शुरू हो रहा है।

    राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ वकीलों की फौज

    बैठक में विधायक महेश लांडगे ने पशुपालन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल से मांग की है कि इस सुनवाई में सरकार का पक्ष रखने के लिए  वरिष्ठ वकील एड. मुकुल रोहतगी, एड. शेखर नफडे, एड. तुषार मेहता को नियुक्त करें और इस कोर्ट केस का सारा खर्च महाराष्ट्र सरकार उठाए। अखिल भारतीय बैलगाड़ी संघ के संदीप बोडगे ने सुप्रीम कोर्ट में बैलगाड़ी मामले की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी और मांग की कि राज्य सरकार इस मामले को पूर्णकालिक रूप से देखने के लिए एक मुख्य अधिकारी नियुक्त करें। इस पर पशु कल्याण मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल ने हरी झंडी दिखाई।

    राज्य सरकार ने बैलगाड़ी दौड़ को लेकर कानून बनाया है। तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, विधायक महेश लांडगे और अखिल भारतीय बैलगाड़ी संघ ने इस संबंध में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सुप्रीम कोर्ट केस के लिए वरिष्ठ वकीलों की नियुक्ति की जाएगी और सभी खर्च राज्य सरकार के पशुपालन विभाग द्वारा वहन किया जाएगा। साथ ही मामले की तैयारी के लिए राज्य सरकार की ओर से एक आयुक्त स्तर के अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी।

    -राधाकृष्ण विखे-पाटिल, पशुपालन और डेयरी विकास मंत्री, महाराष्ट्र सरकार

    उम्मीद के मुताबिक राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले की तैयारियों में सहयोग कर रही है। अब लंपी बीमारी की पृष्ठभूमि में पुणे जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बैलगाड़ी दौड़ के आयोजन के लिए नियम तैयार किए जाएं। इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए रक्त परीक्षण भी किया जाता है। हालांकि उसकी रिपोर्ट आने में 8 दिन का समय लगता है। पशु कल्याण मंत्री को ज्ञापन दिया गया है कि इस संबंध में तत्काल समाधान निकाला जाए। इस पर राज्य सरकार की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।

    -महेश लांडगे, शहर अध्यक्ष और विधायक, बीजेपी, पिंपरी-चिंचवड