पुणे: पिछले कुछ दिनों से राजनीति का स्तर काफी नीचे गिर गया है। राजनेता स्तर छोड़कर अपना व्यवहार कर रहे हैं। पुणे शहर भी इससे अछूता नहीं है। सभी दलों और उनके नेतृत्व को इस बारे में सोचना चाहिए। ऐसी सलाह सांसद गिरीश बापट (BJP MP Girish Bapat) ने अपने पार्टी के साथ-साथ विपक्षी दल के नेताओं को दी हैं।
उन्होंने कहा कि राजनीति (Politics) विकास के लिए और आम लोगों के हित के लिए होनी चाहिए, लेकिन यह उद्देश्य नष्ट हो रहा है, ऐसा खेद भी बापट ने व्यक्त किया।
फेसबुक के जरिए व्यक्त की व्यथा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा शेगांव की सभा में स्वतंत्रता सेनानी सावरकर के बारे में दिए बयान के विरोध में बीजेपी के कुछ कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस भवन में घुसकर हंगामा किया था। इस घटना के बाद कांग्रेस शहर अध्यक्ष अरविंद शिंदे ने सांसद बापट को पत्र लिखकर राजनीति के निम्न स्तर को लेकर नाराजगी जताई थी। इस पर गौर करने को कहा था। इसलिए बापट ने फेसबुक के जरिए शहर की राजनीति और उसके गिरते स्तर की आलोचना की।
देश का नेतृत्व करनेवाले पुणे में ऐसी राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण
उन्होंने कहा कि देश और महाराष्ट्र को सांस्कृतिक और राजनीतिक नेतृत्व देने वाले पुणे शहर में ऐसा हो रहा है। इस तथ्य पर सभी को पुनर्विचार करना चाहिए। किस मुद्दे को विरोध करना है, उसका भंडाफोड़ करना है, अपनी राय व्यक्त करना, जो लोकतंत्र के दायरे में जो भी मुद्दे हैं, इन्हें उठाने में कोई हर्ज नहीं है, लेकिन पिछले छह-सात महीनों में हमारे यहां बैनर लगाने, लोगों को मारने, पुतले जलाने, महिलाओं के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करना, ऐसी घटना घटी है, लेकिन यह अपनी संस्कृति नहीं है।
विकास के कई लंबित मुद्दे पर ध्यान नहीं
बापट ने कहा कि शहर में आवारा कुत्तों से लेकर गड्ढों तक की कई समस्याएं हैं। विकास के कई मुद्दे लंबित हैं, लेकिन इन कामों को पूरा करने कोई आगे नहीं आता क्योंकि इन कामों पर उनके नाम और बोर्ड नहीं लगने वाले। श्रेयवाद की लढ़ाई में हम पीछे पढेंगे, ऐसे कहने वाले कई लोग भी मिलते है।
विकास कार्यों पर ध्यान देना बेहतर होगा
जिन नागरिकों का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, वे वर्तमान में मानसिक रूप से बहुत परेशान हैं। कुछ लोग वोट देने या न देने की मनःस्थिति में पहुंच गए हैं। अगर हर कोई ऐसा व्यवहार करने लगे तो आम जनता किसकी तरफ देखे, ऐसा सवाल भी बापट ने उठाया। सांसद बापट ने कहा कि किसी और के कहने के बजाय हर पार्टी इस बारे में सोचें, विकास कार्यों पर ध्यान देना बेहतर होगा।