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    पिंपरी: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के तमाम विरोध के बावजूद स्मार्ट सिटी के अंतर्गत इंटरनेट केबल नेटवर्किंग (Internet Cable Networking) का ठेका विवादित कंपनी को दिया गया। अब इस पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में जंग छिड़ गई है। बीजेपी की ओर से पूर्व सदन नेता नामदेव ढाके ने यह टेंडर रद्द करने की मांग कर इस मामले में ‘ट्विस्ट’ निर्माण कर दिया है। साथ ही इस मामले में एनसीपी के विरोध को ‘मगरमच्छ के आंसू’ बताकर ‘चोरी ऊपर से सीनाजोरी’ करार दिया है। वहीं, एनसीपी की ओर से पूर्व विपक्षी नेता नाना काटे ने नामदेव ढाके की अज्ञानता दिखाकर उन्हें भी पूर्व सदन नेता एकनाथ पवार की तरह ‘मुंह छिपाने के भी लिए जगह नहीं मिलने’ का पलटवार किया है। 

    नामदेव ढाके के साथ पूर्व महापौर राहुल जाधव, नितीन कालजे, माई ढोरे, एकनाथ पवार, स्थायी समिती की पूर्व अध्यक्षा ममता गायकवाड, विलास मडिगेरी, संतोष लोंढे, नितीन लांडगे, पूर्व उपमहापौर शैलजा मोरे, सचिन चिंचवडे, तुषार हिंगे, केशव घोलवे, हिरानानी घुले ने पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका कमिश्नर शेखर सिंह को एक ज्ञापन देकर उक्त टेंडर में संबंधित कंपनी पर लगे आरोपों के चलते टेंडर रद्द करने की मांग की है। 

    चोरी ऊपर से सीनाजोरी के बराबर 

    साथ ही कहा कि इस टेंडर की शुरुआत राज्य में महाविकास आघाडी की सरकार और टेंडर स्वीकृति बीजेपी के कार्यकाल में होने की बात कहकर कहा कि एनसीपी ने संबंधित कंपनी पर आरोप लगाकर कमिश्नर शेखर सिंह के बाद पुलिस कमिश्नर विनयकुमार चौबे से मिलकर टेंडर रद्द करने की मांग की। इसके बाद भी स्मार्ट सिटी की बैठक में टेंडर मंजूर किया गया। इसमें कुछ तो गोलमाल है। इस टेंडर की पूरी प्रक्रिया महाविकास आघाडी सरकार के कार्यकाल में हुई। अब इसका विरोध यानी चोरी ऊपर से सीनाजोरी के बराबर है क्योंकि तत्कालीन महानगरपालिका कमिश्नर राजेश पाटिल तत्कालीन उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के इशारे पर काम करते थे।

    बीजेपी को घेरने का मौका गंवाया

     स्मार्ट सिटी के सहमुख्य कार्यकारी अधिकारी पद पर किरण कुमार यादव की नियुक्ति महाविकास आघाडी सरकार ने ही की थी। खुद ही विरोध कर बीजेपी के विरोध करने का चांस छिनने की रणनीति बनाई है। अन्यथा विधानसभा के शीतसत्र में बीजेपी को घेरने का मौका नहीं गंवाया होता।

    राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने किया पलटवार

    राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से पूर्व विपक्षी नेता नाना काटे ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि एक तरफ हिंदुत्व का बुरका धारण करना और दूसरी तरफ पाकिस्तान और दुबई के अपराधियों से संबंधित कंपनी को इंटरनेट केबल नेटवर्किंग का ठेका देने वाली बीजेपी का असली चेहरा एनसीपी ने सबके सामने लाकर रख दिया है। इससे उनके पैरों तले जमीन खिसक गई है और आने वाले महानगरपालिका चुनाव में खामियाजा भुगतना पड़ने के डर से बीजेपी ने पूर्व सदन नेता नामदेव ढाके को कठपुतली बनाकर आगे किया है। ढाके ने भी अपनी अज्ञानता जाहिर कर दिया है। 

    तब शिन्दे-फडणवीस सरकार सत्ता में 

    भ्रष्टाचार साबित होने पर राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा करनेवाले पूर्व सदन नेता एकनाथ पवार के समान ढाके को भी मुंह छिपाने के लिए जगह न मिलेगी। जब इंटरनेट केबल नेटवर्किंग का प्रस्ताव स्मार्ट सिटी कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक में पेश किया गया तब बीजेपी की सत्ता थी और ढाके भी निदेशक थे। जब टेंडर मंजूर किया गया तब शिन्दे-फडणवीस सरकार सत्ता में है।