Pune Crime News

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    पुणे: पांच वर्ष पूर्व हुई हत्या (Murder) की गुत्थी अब जाकर सुलझी है। इसमें भाई-बहन (Brother-Sister) की हैवानित सामने आई है। एक कमरा नाम पर करने के विवाद को लेकर 23 वर्षीय छोटे भाई की भाई-बहन ने अपने दोस्तों की मदद से पहले बेरहमी से पिटाई की और उसके बाद कैनाल (Canal) में धक्का देकर उसकी हत्या कर दी। वारदात का क्राइम ब्रांच यूनिट-3 ने पर्दाफाश किया है। पुलिस द्वारा करीब 100 आकस्मिक मौत की जांच और फिर अलग-अलग एंगल से किए गए जांच के बाद हत्या की यह वारदात सामने आई है। 

    मृत युवक का नाम पंकज चंद्रकांत दिघे (23) है, जबकि कैनॉल में धक्का देने वाले दोस्त महेश बाबूराव धनावडे (37) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में हड़पसर पुलिस स्टेशन में पंकज के भाई सुहास चंद्रकांत दिघे (29) और उसकी बहन आश्विनी अडसूल सहित तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इस मामले में पुलिस हवलदार राजेंद्र मारणे (51) ने शिकायत दर्ज कराई है।

    हत्या के लिए दोस्तों की मदद ली

    पंकज और सुहास, अश्विनी सगे भाई-बहन है। पंकज को अश्विनी सहित और तीन बहन हैं। उनकी शादी हो चुकी है। दिघे परिवार एरंडवना में रहता है। पंकज की मां की बामारी से मौत हो गई है। पंकज कोई काम करता नहीं था। वह मां के घर का एक कमरा अपने नाम पर करने के लिए भाई-बहन से विवाद करता था। साथ ही कहता था कि मां को भी तुम लोगों ने ही मारा है। इस वजह से सुहास और आश्विनी ने उसकी हत्या की साजिश रच डाली। 

    पहले की पिटाई की, फिर कैनाल में दिया धक्का

    दोनों ने दोस्त महेश और प्रशांत की मदद से पांच वर्ष पूर्व 14 मार्च 2017 की शाम चारों ने उसकी बेरहमी से पिटाई की। उसके बाद महेश के तवेरा कार में डालकर उसे कैनाल में धक्का देकर उसकी हत्या कर दी। पांच दिनों तक इसे लेकर किसी ने कोई बात नहीं की। पांचवें दिन 19 मार्च को डेक्कन पुलिस स्टेशन में सुहास ने पंकज के लापता होने की रिपोर्ट लिखा दी। इसके बाद उसकी तलाश शुरू की गई, लेकिन वह मिला नहीं। पंकज का शव कैनाल से बहकर हड़पसर में मिला। इस मामले में हड़पसर पुलिस आकस्मिक मौत का केस दर्ज किया था। शव का सरकारी नियम के अंतिम संस्कार कर दिया गया।

    डेक्कन से फरार  होने पर हुआ शक

    क्राइम ब्रांच यूनिट-5 के पुलिस हवलदार राजेंद्र मारणे को मुखबिरों से पंकज के साथ हुई घटना की जानकारी मिली। उन्होंने पुलिस इंस्पेक्टर अनीता मोरे को इसकी जानकारी दी जिसके बाद जांच शुरू हुई। उसके डेक्कन से गायब होने का पता चलने के बाद उसका शव कहां मिला इसकी जांच की शुरुआत की गई। पता चला कि उसका शव हडपसर से मिला था। जांच के दौरान एक पुलिस को एक चश्मदीद का पता चला। उससे जानकारी प्राप्त करने के बाद आरोपी महेश धनावडे को कब्जे में लेकर पूछताछ की गई तो उसने पूरी घटना की जानकारी दी। इसके बाद हत्या का खुलासा हुआ। पुलिस इंस्पेक्टर अनीता मोरे और पुलिस हवलदार राजेंद्र मारणे की टीम ने यह कार्रवाई की।

    कैनाल में मिले अबतक 100 शव

    शहर में कैनाल में शवों के मिलने की घटना लगातार सामने आ रही है। शव जिस इलाके में मिलती है वहां के पुलिस स्टेशन में आकस्मिक मौत का केस दर्ज किया जाता है। इस दौरान पुलिस ने लष्कर, सिंहगढ़, डेक्कन, मुंढवा, वानवडी, हड़पसर पुलिस स्टेशनों में दर्ज 100 आकस्मिक मामलों की जांच की गई। हड़पसर में दर्ज एक मामले की जांच के बाद पंकज के शव की पहचान हुई। पंकज के एक हाथ पर मां और दूसरे हाथ पर पंकज लिखा था। इससे उसके शव की पहचान हुई।

    महेश की हत्या की साजिश सामने आई

    सुहास ने महेश के हत्या की भी साजिश रची थी। पंकज की हत्या की जानकारी महेश को थी। इसलिए उसे भी कैनाल में ढकेल दिया गया था। उन्हें लगता था कि महेश की हत्या से सबूत नष्ट हो जाएगा और कभी भी हत्याकांड का खुलासा नहीं होगा। इसलिए महेश की हत्या की साजिश रची गई थी। ताम्हिणी घाट में पार्टी के नाम पर उसे लेकर गए थे, लेकिन उनकी साजिश फेल हो गई।