लम्पी बीमारी के संकट के चलते मवेशियों का बाजार बंद

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    पिंपरी : मवेशियों (Cattle) में लम्पी स्किन (Lumpy Skin), एक संक्रामक रोग (Infectious Diseases) की बढ़ती घटनाओं के कारण, निवारक उपाय के रूप में पशु परिवहन और बाजार को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इस कड़ी में प्रदेश की सबसे बड़ी पशु बाजार मानी जाने वाली चाकण (खेड़ तालुका) स्थित पशु बाजार शनिवार से बंद करने का फैसला किया गया है। यह बाजार सरकार के अगले आदेश आने तक बंद रहेगा।

    पिछले कुछ महीनों से प्रकृति के कहर से किसान बेहाल है। इससे खरीफ फसलों के उत्पादन में कमी की भी संभावना है। उसी में अब पशुपालन का व्यवसाय भी संकट में आ गया है। खेड़ तालुका के छह से अधिक गांवों में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। जहां लम्पी नात्मक जानवरों के बीच एक संक्रामक रोग फैल रहा है। चूंकि मवेशियों में यह बीमारी संक्रामक है, इसलिए पशुपालन विभाग ने खेड़ कृषि उपज मंडी समिति को चाकन में पशु बाजार को बंद करने का आदेश दिया है ताकि इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके। इसके चलते शनिवार को चाकन स्थित गाय, बैल, भैंस और सांडों की मंडी बंद रही।

    सरकार के अगले आदेश तक बंद रहेगा बाजार 

    चाकन बाजार में पशु बाजार पहले कोरोना के कारण बंद था। अब जबकि बाजार नियमित रूप से भर रहा है, लम्पी के प्रकोप को रोकने के लिए पशु बाजार को एक बार फिर से बंद कर दिया गया है। खेड़ बाजार समिति प्रशासन ने पशुपालकों को बाजार बंद होने की सूचना दी थी। नतीजन पशुपालन करने वाले किसान शनिवार को इस बाजार में नहीं गए। हालांकि चाकन बाजार में बकरियों और भेड़ों का बाजार नियमित रूप से चल रहा था। खेड़ बाजार समिति के सचिव बालासाहेब धांड्रे ने कहा कि सरकार के अगले आदेश तक यह बाजार बंद रहेगा।

    मवेशियों का अभी तक टीकाकरण नहीं

    पाथरवाड़ी के पशुपालन करने वाले किसान बालासाहेब पठारे ने कहा कि, चाकन में पशुपालक एक बार फिर मुश्किल में हैं क्योंकि लम्पी की बीमारी के मद्देनजर शनिवार 10 सितंबर से चाकन में पशु बाजार बंद करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने अफसोस जताया कि हालांकि प्रशासन उपाय कर रहा है, लेकिन कई किसानों के मवेशियों का अभी तक टीकाकरण नहीं हुआ है। ग्राम तालुका के पशुपालन किसान मांग कर रहे हैं कि पशुपालन विभाग पर्याप्त टीका उपलब्ध कराए।