पिंपरी: पिंपरी-चिंचवड शहर (Pimpri-Chinchwad City) में हॉकर सर्वे (Hawker Survey) का काम एक निजी संस्था द्वारा किया जा रहा है। पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका प्रशासन (Pimpri-Chinchwad Municipal Administration) और सभी क्षेत्रीय अधिकारियों का इस पर कोई नियंत्रण नहीं है। वास्तविक क्षेत्रीय अधिकारियों और कर्मचारियों को साथ लेकर सर्वे किया जाना चाहिए। सुपुर्दगी रसीद पर उनकी मुहर लगाना आवश्यक है। हालांकि बोगस स्टॉल (Bogus Stall) और ठेले पर रुककर फोटो खींचकर सर्वे किया जा रहा है। इससे वास्तविक हितग्राहियों के साथ अन्याय हो रहा है, इसकी शिकायत फेरीवालों ने पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका हॉकर समिति की बैठक में की।
महानगरपालिका की ओर से आयोजित सिटी हॉकर कमेटी की बैठक स्टैंडिंग कमेटी हॉल में हुई। सभी फेरीवालों ने शहर में गलत तरीके से हो रहे फेरीवालों के सर्वे पर आपत्ति जताते हुए फर्जी और गैर कारोबारियों के नाम रद्द करने की मांग की। असली हितग्राहियों को दरकिनार कर संख्या बढ़ाने के लिए सर्वे के माध्यम से फर्जी लोगों की अधिक भर्ती हो रही हैं।
सर्वे से वास्तविक लाभार्थियों को लाभ दिया जाए
महाराष्ट्र फेरीवाला क्रांति महासंघ के अध्यक्ष काशीनाथ नखाते सहित सदस्यों ने मांग की कि इस सर्वे से वास्तविक लाभार्थियों को लाभ दिया जाए। इसके साथ ही क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित एक सुपुर्दगी रसीद भी दी जानी चाहिए। यह भी आपत्ति की गई कि ठेकेदारों के पास रसीद बही होने के कारण वित्तीय शोषण हो रहा है।
क्षेत्रीय अधिकारी करेंगे सत्यापन
इस पर महानगरपालिका के अपर आयुक्त जितेंद्र वाघ ने कहा कि सर्वे में जिन लोगों का सर्वे किया गया है, उनका क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा सत्यापन किया जाएगा और प्रशासन आपत्ति जताने वालों का पंजीयन निरस्त करने का स्टैंड लेगा। इस बैठक में सहायक आयुक्त प्रशांत जोशी, क्षेत्रिय अधिकारी शीतल वाकडे, सीताराम बहुरे, अण्णा बोदडे, केशवकुमार धोरात, राजेश आगले, सुचिता पानसरे, राजेंद्र वाकचौरे, कविता खराडे, संतोष जाधव, प्रल्हाद कांबले, बी. जी. कांबले, रमेश शिंदे, फरीद शेख, डॉ. सरोज अंबिके, बी. के. कांबले आदि सदस्य उपस्थित थे।