अजीत पवार (Photo Credits-ANI Twitter)
अजीत पवार (Photo Credits-ANI Twitter)

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    पिंपरी: राज्य के विपक्षी नेता अजीत पवार (Ajit Pawar )  ने कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच विवाद चरम पर पहुंच गया है। अब सबका ध्यान मुंबई में उपचुनाव के नतीजों और उसके बाद होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजों पर रहेगा। शिवसेना का धनुष-बाण का चिन्ह कौन हासिल करेगा या चुनाव आयोग उसे फ्रीज करेगा? इस पर भी सभी ने ध्यान करना शुरू कर दिया है । हालांकि ये घटनाक्रम महाराष्ट्र को अस्थिर नहीं करेंगे, लेकिन इस सियासी घमासान में महंगाई (Inflation) और बेरोजगारी (Unemployment) जैसे अहम मुद्दों को दरकिनार कर दिया गया है।

    थेरगांव में पत्रकारों से पूर्व नगरसेवक माया बारणे और पूर्व विपक्षी नेता संतोष बारणे द्वारा आयोजित इस उपक्रम में सोसाइटी के निवासियों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मैं हमेशा पिंपरी-चिंचवड शहर की मदद करने की कोशिश कर रहा हूं, भले ही मैं पद पर नहीं हूं, शहर का सर्वांगीण विकास मेरा जुनून है और जैसे-जैसे नियोजित विकास के माध्यम से शहर का चेहरा बदला, कई समाज यहां उभरे, लेकिन इन सोसाइटियों के निवासी विभिन्न समस्याओं से पीड़ित हैं। 

    जल्द करुंगा PCMC कमिश्नर के साथ बैठक

    इसके लिए जल्द ही पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका कमिश्नर के साथ बैठक कर इन सभी मुद्दों का समाधान किया जाएगा। अजीत पवार ने सोसाइटी वासियों को वचन दिया कि वे उनकी समस्याओं का समाधान निकालेंगे। इस मौके पर विधायक अण्णा बनसोडे, पूर्व विधायक विलास लांडे, राष्ट्रवादी के शहर अध्यक्ष अजीत गव्हाणे, महिला अध्यक्षा कविता आल्हाट, अजीत प्रतिष्ठान के अभय मांढरे, पूर्व महापौर संजोग वाघेरे पाटील, योगेश बहल, नाना काटे, मयूर कलाटे, कैलास बारणे उपस्थित थे।

    सोसाइटियों की बुनियादी सुविधाओं के लिए विधायक निधि खर्च कर सकते हैं

    प्रमुख सोसाइटी के प्रतिनिधियों ने पवार के सामने अपनी समस्याएं रखीं और अपनी बात रखी। साथ ही उन्हें शिकायतों का ज्ञापन सौंपा। अजीत पवार ने संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन देकर यह भी सलाह दी कि सोसायटी के निवासियों को भी स्वामित्व का रवैया छोड़ देना चाहिए और आंतरिक विवादों से बचना चाहिए। सोसायटी धारकों का स्टांप शुल्क, पंजीकरण शुल्क राज्य सरकार के खजाने में जाता है, जबकि संपत्ति और अन्य कर महानगरपालिका के खजाने में जाते हैं। अतः महानगरपालिका को चाहिए कि वह नागरिकों को सभी सुविधाएं मुहैया कराए। उन्होंने यह भी बताया कि शहर में 50 हजार गृह निर्माण परियोजनाओं में से केवल 5 से 6 हजार बिल्डरों ने ही पूर्णत्व का पंजीकरण कराया है और यह चिंता का विषय है। मैंने विधायक निधि को एक करोड़ से बढ़ाकर पांच करोड़ कर दिया है। इससे सभी विधायकों को विकास कार्यों के लिए साढ़े 17 करोड़ रुपए मिलते हैं, इसलिए वह उस फंड को अपने कार्यक्षेत्र में सोसाइटियों की बुनियादी और ढांचागत सुविधाओं के लिए खर्च कर सकते हैं।

    पिंपरी-चिंचवड से मेरा पिछले 30 साल से नाता 

    अजीत पवार ने कहा कि इस शहर से मेरा पिछले 30 साल से गहरा नाता है। 1991 से 2017 तक हमारा नेतृत्व पिंपरी-चिंचवड के लोगों ने स्वीकार किया और  हमारा जोरदार समर्थन किया, इसलिए मैंने सारी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली और शहर के समग्र विकास को हासिल किया। पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका के माध्यम से सभी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के बावजूद नागरिकों ने 2017 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को खारिज कर दिया, इसका अफसोस भी अजीत पवार ने जताया।