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  • वर्तमान समय में सिर्फ दुबई और सिंगापुर के लिए हो रही उड़ान

पुणे: पुणे जैसे शहर की विभिन्न देशों से सीधी अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी () होनी जरुरी है। वर्तमान में दुबई और सिंगापुर से दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानें हैं। साथ ही दूसरे देशों में विस्तार के लिए पिछले कुछ दिनों से पुणे में प्रशासनिक स्तर पर चर्चा और बैठकें की गईं। केंद्रीय वायु राज्य मंत्री ने इस संबंध में एक घोषणा भी की। लेकिन, हकीकत में अंतरराष्ट्रीय विमान उड्डानों के विकास को यहां से फुर्सत नहीं मिल पा रही है। 

पुणे हवाई अड्डे से प्रतिदिन लगभग 180 से 190 विमान उड़ान भरते हैं। इससे प्रतिदिन 25 से 30 हजार यात्री यहां से आते-जाते है। इनसे सरकार को भारी राजस्व मिलता है। लेकिन कई यात्री इस बात पर अफसोस जता रहे हैं कि यहां नागरिकों को ऐसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। इसके अलावा, पुणे निवासी पुणे से सीधे विदेश यात्रा नहीं कर सकते हैं, जो एक असुविधा भी है। अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए उन्हें पहले मुंबई या दिल्ली पहुंचना पड़ता है। वहां से वह विदेश जाने के लिए हवाई जहाज से यात्रा कर सकते हैं। पुणे निवासियों की मांग है कि भविष्य में ऐसा करने के बजाय हमें पुणे से ही सीधी अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी मिलनी चाहिए। 

यात्रियों से रिस्पांस न मिलने के कारण बैंकॉक सेवा बंद
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य शिंदे पुणे दौरे पर थे। उस समय उन्होंने पुणे हवाईअड्डा प्राधिकरण द्वारा निर्मित एक भव्य पार्किंग स्थल का उद्घाटन किया। उस वक्त कहा गया था कि पुणे से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बढ़ाई जाएंगी। इसके अनुसार ऐसी दो उड़ानें जोड़ी गईं, एक सिंगापुर के लिए और दूसरी बैंकॉक के लिए। पुणे एयरपोर्ट से सिंगापुर की फ्लाइट को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। लेकिन यात्रियों की कमी के कारण बैंकॉक के लिए उड़ान सेवा बंद कर दी गई। 

रनवे को लेकर है दिक्कत
दिवंगत सांसद गिरीश बापट की अध्यक्षता में बीते दिनों पुणे एयरपोर्ट पर मनपा प्रशासन, डिविजनल कमिश्नर ऑफिस, पुणे कलेक्टर, एयरफोर्स की संयुक्त बैठक हुई थी। उस समय रनवे को बढ़ाने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जाने थे। लेकिन अभी तक यहां कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। अपर्याप्त रनवे के कारण यहां से उड़ानें बाधित होती हैं। इसलिए नए अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल के उद्घाटन से पहले ही यहां रनवे की संख्या बढ़ाने की मांग हो रही है। 

धैर्यशील वंडेकर (हवाई यातायात विशेषज्ञ) ने कहा, सबसे पहले पुणे से अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप जैसे देशों के लिए उड़ान भरने वालों के लिए रनवे की बड़ी बाधा है। साथ ही, हमारा हवाई अड्डा एक साझा हवाई अड्डा है, हमें इसे वायु सेना के साथ साझा करना होता है। अगर हमें यहां से अंतरराष्ट्रीय विमानन बढ़ाना है तो हमारे पास सौ फीसदी सिविल एयरपोर्ट होना चाहिए। इसके साथ ही, हमें लंबी दूरी के विमानों को ठीक से पार्क करने के लिए पार्किंग बे की भी आवश्यकता है। इसके अलावा, बाहर वाहनों के लिए पर्याप्त अलग पार्किंग होनी चाहिए।