Protest

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पिंपरी: पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) के सभी अंचल कार्यालयों के अंतर्गत महानगरपालिका कमिश्नर शेखर सिंह (PCMC Commissioner Shekhar Singh) के आदेश के अनुसार, अतिक्रमण और जब्ती कार्रवाई का विरोध करते हुए हॉकर्स पॉलिसी (Hawkers Policy) को लागू करें, सभी को लाइसेंस दें और हॉकर जोन बनाने के बाद ही कार्रवाई करें, अन्यथा जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। यह चेतावनी देते हुए महानगरपालिका मुख्यालय के सामने ठेले लगाकर फेरीवालों ने चक्काजाम आंदोलन (Protest) किया।

इस आंदोलन का नेतृत्व नेशनल हॉकर फेडरेशन, कष्टकरी संघर्ष महासंघ, महाराष्ट्र फेरीवाला क्रांति महासंघ की ओर से श्रमिक नेता काशीनाथ नखाते ने किया। इसमें प्रदेश संगठक अनिल बारवकर, कार्याध्यक्ष इरफान चौधरी, राजू बिराजदार, गणेश जगताप,राजेश माने, प्रमोद गवई, किरण साडेकर, विठ्ठल कड, राजू खंडागले, दत्ता जाधव, सागर ठोंबरे, नवनाथ जगताप, सलीम डांगे, विजय दिवटे, सलीम शेख, यासीन शेख, माधुरी जलमुलवर, स्मिता मसुरे, वृषाली पाटणे, अंजु तायडे, मुमताज शेख, जरीता वाठोरे, नंदा तेलगोटे, वहिदा शेख, मंगल कांबले आदि शामिल हुए। 

लगाए गए ये नारे

पिंपरी मोरवाड़ी चौक में अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शहर के दापोड़ी, निगड़ी, आकुर्डी, पिंपरी, भोसरी, डांगे चौक, कालेवाड़ी, रहटनी, घरकुल, चिखली, थरमैक्स चौक, रावेत, वल्लभनगर सहित अन्य क्षेत्रों से बड़ी संख्या में विक्रेताओं ने ठेले लेकर इस आंदोलन में भाग लिया। मोरवाड़ी चौक से महानगरपालिका भवन तक जोरदार मार्च निकालते हुए यह मार्च मुख्यालय के सामने आया। सभी को लाइसेंस दो, सभी को पक्का स्थान दो, और अवैध बंद करो जैसे नारे लगाए और दमनकारी कार्रवाई तुरंत बंद करने की मांग की। महानगरपालिका के गेट पर ठेला लगाकर चक्काजाम कर दिया। इसके बाद यह मार्च को सभा में तब्दील हो गया।

तो कर्ज कौन चुकाएगा?

इस दौरान नखाते ने कहा कि महानगरपालिका प्रशासन एकतरफा कार्रवाई कर कानून की अवहेलना कर कर रहा हैं। एक तरफ महानगरपालिका फार्म भरकर दस, बीस हजार रुपए का कर्ज दे रहा है, दूसरी तरफ कार्रवाई कर और ठेले जब्त कर रहे हैं। अगर ऐसा किया जाता रहा, तो कर्ज कौन चुकाएगा? शहर का विकास करते समय केवल अमीरों का ही नहीं, सभी तत्वों पर विचार किया जाना चाहिए। अमीरों के चौपहिया वाहनों को सम्मान से जगह दी जाती है, लेकिन फेरीवालों को निशाना बनाया जाता है यह गलत है। इसके बाद एक प्रतिनिधिमंडल ने अपर आयुक्त प्रदीप जांभले को विभिन्न मांगों का ज्ञापन दिया। उन्होंने फेरीवालों को जोन करने के स्थान सुझाने, फेरी वालों के संबंध में सकारात्मक प्रस्ताव देने, अगले चार दिनों में कमिश्नर के साथ बैठक करने और कार्रवाई में ढील देने और फेरीवालों की समस्या का समुचित समाधान करने का वादा किया।