गडचिरोली लोकसभा चुनाव 2024 (फाइल फोटो)
गडचिरोली लोकसभा चुनाव 2024 (फाइल फोटो)

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    पुणे: कांग्रेस (Congress) और एनसीपी (NCP) जैसे राजनीतिक दल इस महीने के अंत में महाराष्ट्र (Maharashtra) की कसबा और चिंचवड विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव (By-Election 2023) में अच्छे मतदान (Voting) की उम्मीद कर रहे हैं। आम चुनावों में और इससे पहले भी इन दोनों सीटों पर दर्ज मतदान प्रतिशत पार्टियों के बीच चिंता का कारण रहा हैं।

    रविवार को राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले पुणे में थे महाविकास आघाडी (MVA) उम्मीदवार के रैली में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि उपचुनावों में मतदान प्रतिशत हमेशा बहुत कम होता है। इसलिए हमारे कार्यकर्ताओं और नेताओं को कसबा में एक बड़ा मतदान करने के लिए प्रयास करना चाहिए। पटोले ने कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार को हटाने के लिए उपचुनाव महत्वपूर्ण हैं। ‘खोके’ और ईडी सरकार की राज्य में सत्ता में हैं। इस सरकार से छुटकारा पाने के लिए ये चुनाव बहुत महत्वपूर्ण हैं। सत्ता के नशे में चूर लोगों को पटखनी देने का यह एक अच्छा मौका है।

    सरकार की अस्थिरता राज्य के विकास को प्रभावित करेगी

    इसी तर्ज पर बोलते हुए, अजीत पवार ने कहा कि वे सत्ता हथियाने के लिए अवैध रणनीति में लिप्त थे। सरकार अस्थिर है और यह अस्थिरता राज्य के विकास को प्रभावित करेगी। इस सरकार को हटाना ही होगा। इसलिए सभी एमवीए कार्यकर्ताओं और नेताओं को एक संयुक्त मोर्चा बनाना चाहिए, ताकि हम चुनाव जीत सकें और सरकार को उखाड़ फेंक सकें।

    2014 के मुकाबले 2019 में कम था मतदान

    पुणे कांग्रेस के महासचिव रमेश अय्यर ने कहा कि पटोले ने जो कहा वह सच है। 2014 के मुकाबले 2019 के चुनाव में कसबा सीट पर वोटिंग प्रतिशत में भारी गिरावट आई। 2019 में कसबा में महज 51 फीसदी वोटिंग हुई, जबकि 2014 में 61 फीसदी वोटिंग हुई थी। 

    बीजेपी ने जताई यह उम्मीद

    चिंचवड सीट पर बीजेपी की पिंपरी-चिंचवड इकाई के अध्यक्ष महेश लांडगे ने कहा कि पार्टी पिछले चुनाव की तुलना में बहुत अधिक मतदान की उम्मीद कर रही है। चिंचवड में पिछले चुनाव में मतदान प्रतिशत लगभग 51 प्रतिशत था, लेकिन इस बार स्थिति अलग है। बीजेपी विधायक लक्ष्मण जगताप के निधन के बाद यहां चुनाव हो रहे हैं। उनकी मृत्यु उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए किसी सदमे से कम नहीं।